नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को संसद को बताया कि डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (डीवाईसीई) डिजाइन या डिफॉल्ट रूप से गोपनीयता के मूलभूत सिद्धांतों पर बनाया गया है और इसमें यात्रियों की व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) डेटा का केंद्रीय भंडारण नहीं किया जाता है।
जनरल सिंह ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया, “डेटा गोपनीयता और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डिजी यात्रा प्रक्रियाओं को पैनलबद्ध एजेंसियों द्वारा ऑडिट और प्रमाणन के अधीन किया गया है। डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम का प्रबंधन डिजी यात्रा फाउंडेशन द्वारा किया जाता है, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत बनाई गई एक गैर-लाभकारी कंपनी है, और इसलिए यह सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में नहीं आती है।”
उन्होंने कहा कि डिजी यात्रा दिशानिर्देश नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा 18 अप्रैल, 2022 को वैमानिकी सूचना परिपत्र के माध्यम से जारी किए गए हैं और ये एक विकेन्द्रीकृत मोबाइल वॉलेट-आधारित पहचान प्रबंधन मंच प्रदान करते हैं।
मंत्री ने कहा, “यात्री की व्यक्तिगत जानकारी उनके मोबाइल वॉलेट में संग्रहीत की जाती है। इसे एन्क्रिप्टेड प्रारूप में प्रस्थान हवाई अड्डे के साथ साझा किया जाता है और उड़ान प्रस्थान के 24 घंटे के बाद डेटा को सिस्टम से हटा दिया जाता है।
“यह डिजी यात्रा के कार्यान्वयन में डेटा सुरक्षा मुद्दों को संबोधित करता है। इसके अलावा, डेटा गोपनीयता और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डिजी यात्रा प्रक्रियाओं को सीईआरटी-इन पैनलबद्ध एजेंसियों द्वारा ऑडिट और प्रमाणन के अधीन किया जाता है।”
राज्यसभा में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि लॉन्च के बाद से क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) – उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) के तहत कुल 519 मार्गों का संचालन किया गया है।
उन्होंने कहा, “वर्तमान में उड़ान योजना के तहत दो वाटरपोर्ट और नौ हेलीपोर्ट सहित 76 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है।”
सिंह ने यह भी कहा कि चार हवाई अड्डे आरसीएस उड़ानों के संचालन के लिए तैयार हैं और नौ हवाई अड्डों/हेलीपोर्टों का विकास कार्य पूरा हो चुका है और लाइसेंसिंग प्रगति पर है।
उन्होंने कहा, “उड़ान योजना के तहत 17 हवाई अड्डों/हेलीपोर्टों का विकास कार्य प्रगति पर है। शेष हवाई अड्डों का विकास कार्य योजना चरण में है।”
मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में दो वाटरपोर्टों सहित 18 हवाई अड्डे विभिन्न कारणों से अस्थायी रूप से परिचालन से बाहर हैं। इनमें उच्च रखरखाव लागत के कारण जेट एयरवेज, ज़ूम एयर, ट्रूजेट, डेक्कन एयर, एयर ओडिशा जैसी कुछ एयरलाइनों का बंद होना, प्रशिक्षित पायलटों की कम उपलब्धता, देश में एमआरओ सुविधाओं की कमी, विमान की कमी, स्पेयर पार्ट्स, इंजन की कमी और सीटों का खाली रह जाना आदि।
–आईएएनएस
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