शहर में आम आदमी के लिए आने-जाने का सबसे सुविधाजनक साधन ई-रिक्शा है। मेट्रो स्टेशन से लेकर हर सेक्टर और सड़क पर ये आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि, अब बड़ी संख्या में ई-रिक्शा बिना नंबर प्लेट के चल रहे हैं, जिन पर यात्री सफर कर रहे हैं। अगर कोई हादसा हो जाए, तो यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा कि ड्राइवर कौन था और ई-रिक्शा किसके नाम पर था। बिना नंबर प्लेट के होने के कारण इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं की जा सकती।
शहर के विभिन्न हिस्सों जैसे सेक्टर-15, 16, 18, 52, 51 मेट्रो स्टेशन और भंगेल-बरौला रोड, फेज-2 आदि पर खुलेआम बिना नंबर प्लेट के ई-रिक्शा चलाए जा रहे हैं। चौथे-पांचवे ई-रिक्शा में से एक बिना नंबर प्लेट का मिल रहा है।
ई-रिक्शा बेचने वाली दुकानों पर 10-20 हजार रुपये में बिना रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और इंश्योरेंस के ई-रिक्शा बेचा जा रहा है। न तो इन दुकानों को सीमित करने की जिम्मेदारी तय है और न ही सेकंड हैंड ई-रिक्शा की बिक्री के लिए कोई कागजी प्रक्रिया होती है।