नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। ‘नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला’ शनिवार को शुरू हुआ। इस दौरान ‘नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी’ का लोकार्पण किया गया। इसे केंद्रीय बजट 2023-2024 के दौरान बच्चों और किशारों के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित करने की घोषणा की गई थी।
इस राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय में अंग्रेजी सहित अनुसूची 8 में शामिल सभी 22 भाषाओं में फिक्शन, नॉन फिक्शन, विज्ञान और तकनीकी सहित अनेक विषयों पर पुस्तकों के पीडीएफ फॉमेट (ई-संस्करण, ऑडियो बुक्स) उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पढ़ने के आनंद का अवसर है। हमें गर्व है कि हमारे यहां भाषाओं की विविधता है। भारत ही एक ऐसा देश है, जहां पर अनेक भाषाएं बोली जाती हैं और कई भाषाओं में पाठकों के लिए पुस्तकें उपलब्ध हैं। यहां सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं है। भाषाएं और पुस्तकें हमारी धरोहर हैं। बहुभाषावाद हमारे राष्ट्र की एक जीवंत परंपरा है।
नौ दिनों तक आयोजित होने वाले विश्व पुस्तक मेले में ‘बहुभाषी भारत-एक जीवंत परंपरा’ पर आधारित विशाल थीम पवेलियन तैयार किया गया है। यह मुद्रित पुस्तकों, डिजिटल मीडिया और तकनीकी इंस्टॉलेशन के माध्यम से भाषाई अभिव्यक्तियों की विविधता को आकर्षक तरीके से प्रदर्शित करता है।
इस अवसर पर सऊदी अरब के राजदूत सालेह बिन ईद अल हुसैनी ने अपने संबोधन में भारत और सऊदी अरब के दशकों पुराने रिश्ते पर बात करते हुए कहा कि भारत के अमृत काल और सऊदी के विजन 2030 में काफी समानताएं हैं, जहां दोनों ही देश युवाओं और महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रगति पथ पर अग्रसर हैं। भारत में सऊदी अरब के साहित्य, संस्कृति और लोक परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत फाउंडेशनल लर्निंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार जादुई पिटारा किट के डिजिटल अवतार ई-जादुई पिटारा का भी लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले के पहले दिन किया गया। इस जादुई पिटारा में प्रारंभिक शिक्षा का डिजिटल संस्करण है। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं में खेल-खेल में सीखने के लिए 3 से 8 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को प्रेरित करता है। यह ऐप ई-फ्लैश कार्ड्स, गेम्स, चित्रकथाएं, ऑडियो-विजुवल शैक्षणिक सामग्री के साथ स्मार्ट फ़ोन, टेलीविज़न, रेडियो जैसे कई सारे डिवाइसेज पर उपलब्ध होगा।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा कि एकात्मकता ही भारत के मूल में है, जो भाषा में, व्यवहार में, कला में, कार्यक्रमों में, त्योहारों में, बोलियों में विविधता के रूप में स्वयं को परिलक्षित करती है। इस पुस्तक मेले की थीम के द्वारा एक एकात्मक भारत का भाव हम इस वर्ष सभी के सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर आधारित ‘सामूहिक हित का दीप जले’ पुस्तक का 12 भारतीय भाषाओं में विमोचन किया गया। साथ ही एग्जाम वारियर्स पुस्तक के ब्रेल संस्करण का भी विमोचन किया गया। समावेशिता को बढ़ाने के उद्देश्य से पुस्तक मेले में निशुल्क ब्रेल पुस्तकें देने का भी प्रबंध किया गया है। दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय तथा नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में यूआईडी कार्ड वाले दृष्टिबाधित बच्चों को निशुल्क ब्रेल पुस्तकें दी जा रही हैं।
–आईएएनएस
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