नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संदेशखाली की घटना की तुलना बंटवारे के समय नोआखाली में हुई हिंसा से करते हुए आरोप लगाया कि शाहजहां शेख एक प्रवृत्ति है, जिसको सिर्फ बंगाल ही नहीं पूरे देश में सेक्युलर सरंक्षण प्राप्त है। वोट बैंक की राजनीति करने वाले दल इस प्रवत्ति को सरंक्षण दे रहे हैं। उन्होंने तमाम विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये सेक्युलर दल महिलाओं के दर्द को भी वोट बैंक की तराजू में तौलते हैं। टीएमसी नेता पीड़ित महिलाओं के लिए नौटंकी शब्द का इस्तेमाल कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि संदेशखाली एक घटना नहीं फेनोमेना है, जिसने बंगाल को बर्बाद किया है। बंटवारे के समय 16 अगस्त को नोआखाली में मुस्लिम लीग ने जो हिंदुओ का नरसंहार कराया था, उसी रास्ते पर ममता बनर्जी अब बंगाल को ले जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम को आवाज देने वाली बंगाल की राष्ट्रवादी धरती आज महिलाओं की पीड़ा से दुखी है। ममता सरकार पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने कहा कि ममता बनर्जी इस मामले में अत्यंत असंवेदनशील, अत्यंत अमानवीय और धमकाने वाला रवैया अपना रही हैं। सरकार ने वहां धारा-144 लगा दी है, भाजपा की महिला नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है और यहां तक कि पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज की जा रही है। एसआईटी भी इस मामले को दबाने में लगी हुई है।
उन्होंने टीएमसी नेताओं द्वारा शाहजहां शेख के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देने को गलत बताते हुए कहा कि महिलाओं की शिकायत के मामले में उच्च न्यायालय ने कोई आदेश नहीं दिया है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा मंदिरों पर टैक्स लगाने की आलोचना करते हुए कहा कि सनातन का खात्मा करना सिर्फ इनका बयान नहीं बल्कि अभियान है। एक तरफ हज सब्सिडी और दूसरी तरफ मंदिरों पर टैक्स। त्रिवेदी ने आप और कांग्रेस के गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस के हफ्ता वसूली के आरोपों पर भी पलटवार किया और कांग्रेस को उसके अपने अतीत की याद दिलाई।
–आईएएनएस
एसटीपी/एबीएम