-दीपक भाटी, समाचार संपादक
क्यों कहा कहने वाले ने कि भाजपा के जिला अध्यक्ष बनने के बाद सतपाल चौधरी का पार्टी कार्यालय पर हुआ स्वागत जोरदार? मगर जिन चेहरों के दर्शन होने चाहिए थे, उन्होंने नहीं दिया दीदार? लगता है एक झटके में सबका सपना चूर हो गया है यार? कहने वाले ने कहा, अध्यक्ष घोषित होने के बाद क्या दी है कसाना जी, मावी जी, बंसल जी ने कोई बधाई? अभी तक तो ऐसा मामला हमें नहीं दिया है दिखाई?
क्यों कहा कहने वाले ने कि घंटाघर वाली रामलीला में भाजपा के कई चेहरों के नहीं हो रहे थे दीदार? केवल पूर्व और वर्तमान मंत्री ही यहां पर नजर आए, बाकी क्यों दूरी बना गए इसकी चर्चा हो रही थी हर जगह यार? ना मेयर, ना महानगर अध्यक्ष, ना राज्यसभा सांसद, ना किसी और विधायक के हुए यहां पर दीदार? क्या इन सबके दिल में चल रही है कोई महाभारत, जिसे इस तरह से लड़ रहे हैं यह यार?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवा कमांडर के अंदर फिर से मुरादनगर वाले डागर देख रहे हैं अपना विकास? हम देख रहे हैं आजकल वह खूब जा रहे हैं उनके पास? खूब खिंचवा रहे हैं वह अपना फोटो? करा रहे हैं अपने पुराने संबंधों का एहसास? लग रहा है वह रिश्तो में जमी हुई धूल को धोकर ही रहेंगे? कुछ ना कुछ इस बार कमांडर से पाकर ही रहेंगे?
क्यों कहा कहने वाले ने कि जब से 33% महिला आरक्षण ने पकड़ा हुआ है तूफान? तब से भगवागढ़ की महिला नेताओं के भी जाग गए हैं अरमान? वह दे रही हैं जगह-जगह पर यही संदेश? संगठन की पूरी टीम में 33% महिलाओं का भी होना चाहिए फेस? कहने वाले ने कहा, अगर पार्टी ने ले लिया सीरियस यह संदेश? तो फिर महामंत्री वाली लाइन में दीदी रनीता का भी दिखाई दे सकता है फेस?
क्यों कहा कहने वाले ने कि महानगर अध्यक्ष बनने के बाद संजीव शर्मा बहुत ही निभा रहे हैं हम्बल वाला अंदाज? वह सभी का आभार प्रकट करने के लिए जा रहे हैं उनके पास? विधायक सुनील शर्मा, विधायक अतुल गर्ग, मंत्री नरेंद्र कश्यप, एमएलसी दिनेश गोयल के यहां पर उन्होंने पहुंचकर जताया हैं सभी का आभार? जिन्होंने सिफारिश की और जिन्होंने नहीं की, वह गए हैं सभी के द्वार? मेयर सुनीता दयाल के यहां पर भी हमें हुए उनके दीदार?
क्यों कहा कहने वाले ने कि अगर किसी को एक अध्यक्ष की टीम में चाहिए पद? तो फिर एक ही रास्ता है जिस वजह से बढ़ेगा उसका कद? अध्यक्ष जी के पास जाने से पहले हर महत्वाकांक्षी चेहरा पहले जाए विधायक जी के पास? बस यही सबसे आसान तरीका संगठन के आॅर्बिट में फिक्स होने का? इसके अलावा सारे प्रयास हो जाएंगे बकवास? जिसने नहीं ली क्रांतिकारी जनप्रतिनिधि से फेवर? समझ लो उसको नहीं मिलेगा संगठन में बिल्कुल भी तेवर?
क्यों कहा कहने वाले ने कि किसी बिरादरी को संगठन में एडजस्ट करने का होना हो, मगर त्यागी बिरादरी को प्रमुख टीम में एडजस्ट करने का रहेगा इस बार भगवा कमांडर पर बहुत ज्यादा प्रेशर? एक नहीं, दो नहीं, लगभग 10 चेहरे लगाए हुए हैं महामंत्री बनने से लेकर उपाध्यक्ष बनने की आस? 10 में से आखिर हो पाएगी कितने चेहरों की फाइल पास? कुछ ना कुछ तो सभी के लिए करना है, चाहे वह चाबी खोने वाले हों, चाहे वह करारी मूंछ वाले हों, चाहे वह चोटी वाले हों, चाहे हो वह मिस्टर प्रताप? दो चेहरे पुराने टीम में से माइनस होने हैं? किसी का सुख छिनेगा? किसी से दूर हो जाएगा महा वाला एहसास?
क्यों कहा कहने वाले ने कि हम चाहते हैं कि आप सांवरिया जी और गर्ग जी को दे दो एक सलाह? दोनों जहां पर एडजस्ट होने की सोच रहे हैं वहां पर दोनों में से हो पाएगा किसी एक का ही भला? अब दोनों में से कौन रहेगा बलिदान के लिए तैयार? इस पर दोनों को बैठकर खुले दिल से करना चाहिए विचार? मामला सच बता रहा हूं बहुत टाइट है? उनकी राहों में बिछे हुए अभी बहुत सारे डायनामाइट हैं? जितना वह सोच रहे हैं, उतना ही नहीं मामला लाइट है?
क्यों कहा कहने वाले ने कि अग्रवाल जी का अति प्रिय भगवा गोयल भी संगठन में एंट्री करने का तैयार कर रहा है पूरा मसौदा? सुना है हमने उन्होंने डाल दिया है पार्टी कार्यालय पर डेरा सच्चा सौदा? बहुत लंबे समय से मिस्टर गोयल, अग्रवाल जी के लिए कलम से दे रहे हैं शब्दों को धार? लग रहा है उनके मन में आ गया है मीडिया वाले प्रभारी के दायित्व का विचार? उन्हें हो गया है इस बात का आभास? मास्टर का पत्ता होना है साफ? इसलिए भगवा गोयल ने कर ली है अपनी फील्डिंग स्ट्रांग? हमें तो अब तक सब कुछ राइट लग रहा है, जब तक कुछ नहीं हो रहा रोंग?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवा नए संगठन में कुछ भी परिवर्तन हो? मगर उसमे जरूर रहेंगे पहलवान? यहां पर दोस्ती वाली बात पर ज्यादा फोकस मत डालो? यह देखो कि उन्होंने पिछले 3 सालों में संगठन के लिए किया है बहुत ज्यादा काम? शायद इस बात का श्री नागर जी को भी है एहसास? इसलिए वह कर रहे हैं वेस्टर्न वाली टीम में जाने का प्रयास? उनका कॉन्फिडेंस देखकर लग रहा है कि उनके सिर पर है कोई बहुत बड़ा आशीर्वाद?
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