-दीपक भाटी, समाचार संपादक
क्यों कहा कहने वाले ने कि मैं आपको बात बता रहा हूं असली, बिल्कुल भी नहीं है ये नकली? विधायक जी को पसंद है ब्राउन काजू वाली कतली? अगर कराना हो किसी को अपनी समस्या का समाधान? दिल में बनने के हों कुछ अरमान? बस विधायक जी के पास लेकर पहुंच जाना ये वाली मिठाई? बस इस मिठास भरी मुलाकात से ही हो जायेगा काम? विधायक जी का कतली अंदाज, सच बता रहा हूं कर देगा आपका हर रास्ता साफ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार की टी सिरीज में आ गई है दरार? सुना है जो तीन मैम्बर कभी होते थे एक साथ कार में सवार? आजकल तीनों के नहीं हो रहे हैं एकसाथ दीदार? तीनों के बीच में खड़ी हो गई है अम्बूजा सीमेंट से बनी हुई दीवार? संबंधों में जीतने के बावजूद इतनी खटास आ जायेगी, हम तो सोच भी नहीं सकते यार? ना दोस्ती रही, ना रहा पहले जैसा प्यार? बिरादरी की जड़ों में किसने मट्ठा घोल दिया? ये जानने को हमारा भी दिल है बेकरार?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार के एक ठाकुर पार्षद ने अचानक नंबर वन वालो के यहां पर जाना कर दिया है बंद? वो तो पहले उनके यहां पर हर पल नजर आते थे? ना जाने क्यों उन्होंने ऐसा किया? क्या था ऐसा उनके दिमाग में द्वंद? जब हमने टटोल कर देखे पार्षद के करीबियों के जज्बात? तब निकलकर बाहर आई एक गहरी बात? पार्षद इस बात से नाराज हैं कि निकाय चुनाव के दौरान नंबर वन वालों ने नहीं किया उनके लिए प्रयास? दूरी इसलिए बनी क्योंकि हो गई आप खायें थाली में और मुन्ने को दें प्याली में वाली बात?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नगर निगम के एक पॉवरफुल पार्षद, इन दिनों अपनी पॉवर का कर रहे हैं पूरा इस्तेमाल? उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है जब कोई बाहर का ठेकेदार उनके क्षेत्र में टैण्डर देता है डाल? इतना ही नहीं अब तो उन्होंने दूसरे वार्डों में भी टैण्डर वाली प्रक्रिया में देनी शुरू कर दी है दखल? इस वजह से डिस्टर्ब हो रही है कई ठेकेदारों की अक्ल? ठेकेदारों की टोली में जमकर चल रहा है पार्षद जी का नाम? वो कह रहे हैं कि अब तो मेयर साहब से मिलकर ही निकालना पड़ेगा इस समस्या का समाधान?
क्यों कहा कहने वाले ने कि किस जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि ने सिलवा लिए पार्षद से पांच जोड़ी कपड़े? ये चर्चा जंगल में आग की तरह ऐसे फैली है जैसे हो गये हैं बहुत बड़े लफड़े? ये तो पार्षद की मर्जी है कि वो सामने वाले को गिफ्ट में कपड़े दे या कार? आखिर कौन छीन सकता है उनसे उपहार देने वाला अधिकार? फिर भी कई दिलजलों के दिल में लगी हुई है आग? वो कह रहे हैं उन्हें पांच जोड़ी कपड़े दिये हैं? हमे कम से कम एक रूमाल ही दिला दे साहब? हमने भी किया था पार्षद जी के चुनाव में शिद्दत से काम? फिर एक तरफा क्यों वो हो रहे हैं मेहरबान?
क्यों कहा कहने वाले ने कि मैं आपको सच बता रहा हूं बात? ये नहीं है कोई धोखा? विधायक जी नहीं हिला पाये तमाम शिकायतों के बावजूद एक छोटा सा खोखा? पार्षद के कहने पर उन्होंने अधिकारियों को दिये थे कार्यवाही के निर्देश? विधायक जी शायद इस बात से अंजान थे कि खोखे के पीछे है कई द यूनियन वालों का फेस? फोर्स आई, प्रवर्तन की टीम आई फिर भी नहीं निकला समाधान? विधायक जी भी बैकफुट पर आ गये जब उन्हें पता चला कि खोखे की शिफारिश में है द यूनियन वालों का पैगाम?
क्यों कहा कहने वाले ने कि वसुंधरा वाले मंडल के कमंडल में इस बार दिख रहे हैं परिवर्तन के हालात? हमें अंदरखाने पता चला है यहां पर सौंफ वाले शर्मा जी की बनने वाली है बात? संगठन के सिरमोर के आसपास रहने वाली उनकी मेहनत दिखा रही है रंग? इस वजह से जो त्यागी दावेदार थे उनका मामला हो गया है तंग? अब ये जल्द पहनेगें कमिश्नरी के राजा वाला ताज? उसका कोई क्या उखाड़ सकता है जिसके सर पर हो पहलवान और पहलवान के दोस्त का हाथ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि बृज के विहार वाली कमिश्नरी में दिखाई दे रहा है गजब वाला सीन? यहां पर सेवा पखवाड़ा तो चल रहा है? मगर पखवाड़े से कई पार्षद हो गये हैं पूरी तरह से अनसीन? बिल्कुल भी पखवाड़े की ओर नही दे रहे हैं कई पार्षद ध्यान? क्षेत्र की समस्याओं से हैं ये बहुत ज्यादा परेशान? दे रहे हैं ये एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर संदेश? कह रहे हैं अभी उलझा हूं अपनी उलझनों को सुलझाने में? जब उलझन सुलझेगी तब निपटा लूंगा पखवाड़े वाला केस?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवागढ़ के एक जनप्रतिनिधि जी का है मिलनसारिता वाले मामले में अलग ही अंदाज? वो कुछ अलग तरीके से कराते हैं अपनेपन का अहसास? हम देखते हैं अधिकतर उनके समर्थक करते हैं खुद ही चाय पानी का जुगाड़? हमने हाथों में उनके दूध की थैलियां देखी है यार? जनप्रतिनिधि से मिलने के लिए वो ले जाते है अपने साथ ही चाय बिस्कु ट वाला सामान? दूसरे के घर पर ऐसा होने से आती है अपने घर जैसी फीलिंग? साथ-साथ हो जाता है इस टी पार्टी से सभी समस्याओं का समाधान?
क्यों कहा कहने वाले ने कि जबसे हुए है भगवा कमांडर रिपीट? तब से कोप भवन में बैठे भगवा भाटी जी आ गये है बाहर? निकाल ली है उन्होंने अपने घर से फार्चुनर वाली कार? दे रहे हैं वो जगह-जगह दस्तक, ताकि संगठन में आ जाये उनका नाम? कहने वाले ने कहा जब तक सीन में गागर मेंसागर भरने वाले नागर मौजूद हैं? तब तक नहीं निकलने वाला भाटी जी की समस्या का समाधान? कहने वाले ने कहा कि भाटी जी भी बहुत वैसे हैं? वो तभी प्रकट होते हैं जब होता है उनको कोई काम?
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