वरिष्ठ संवाददाता
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। प्रोपर्टी एक ऐसा शब्द है जिसका सीधा मतलब शासन के राजस्व से जुड़ा है। करोड़ो का राजस्व प्रति महीने रजिस्ट्री से आता है। लेकिन इस राजस्व के रास्तें में बैरियर तब लग जाता है तब कोई अपनी प्रोपर्टी को पॉवर आॅफ अॅटारनी कर देता है। सूत्र बताते हैं कि शासन से आई एक जांच के बाद गाजियाबाद की 13000 प्रोपर्टी शासन के रडार पर आ गई हैं। शार्टलिस्ट होने के बाद अब जांच की स्टोरी में ट्विस्ट आ सकता है। सूत्र बताते हैं कि शासन में शिकायत हुई थी और जांच के बाद अब ऐसी प्रोपर्टी टारगेट पर हैं जो लंबे समय से पॉवर आॅफ अटॉरनी पर हैं। 10 सितंबर तक शासन के पास ये जांच के लिए जायेंगी। सूत्र बताते हैं कि लोनी और मुरादनगर में ही 3से 4 हजार प्रोपर्टी ऐसी हैं जो पॉवर आॅफ अटॉरनी वाले टारगेट पर आ रही है। इन सभी को नोटिस भेजने की तैयारी हो गई है। इन सभी से पूछा जायेगा कि प्रोपर्टी की रजिस्ट्री क्यों नहीं करायी है। 10 सितंबर तक यह पूरी रिपोर्ट शासन के पास जा रही है। इस लिस्ट में कई ऐसे नाम भी शामिल हैं जो राजनीति से जुड़े हैं। बहरहाल जांच फिलहाल पॉवर आॅफ अटॉरनी पर केन्द्रित है।
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