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ज्योतिष

विचार: राजयोग को न लगे नजऱ

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डॉ. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी (हस्तरेखा विशेषज्ञ), मो. 0981075865 

अक्सर लोग जानना चाहते है की उनके हाथ में राजयोग है की नहीं है क्योंकि हर व्यक्ति के मन में इच्छा होती है काश हम भी नेता बने राजयोग का भोग करें और समाज के लिए कुछ करे। (jyotish hindi news) लेकिन क्या है राज योग , कौन से चिन्ह हैं हाथ में जो राजा बनाते है , साथ ही राजा को सही कत्र्तव्य करना बहुत जरूरी है क्योंकि गोस्वामी जी ने श्रीरामचरित मानस में लिखा है ‘जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी सो नृप अवस्य नरक अधिकारी है, अर्थात जिस रजा की प्रजा दुखी रहती है उसको नरक का सामना करना पड़ता है अत: नेता अपने कर्मो पर भी विचार ले क्योंकि आखिर एस संसार के सभी सुख छंभंगुर हैं।।। आईये जाने हाथ में की कैसे होते हैं राजनेताओ के हाथ।।।
1. नेताओ का हाथ ज्यादातर वर्गाकार , चाम्साकार या दार्शनिक श्रेणी का पाया जाता है हथेली में गुरु शुक्र चन्द्र बुध सूर्य अदि ग्रह विकसित होते हैं साथ ही हथेली के मध्य भाग में गड्ढा नहीं होता है यही बातें उन्हें बड़ी से बड़ी गलती करके पश्चाताप करने से रोकती हैं। सामान्य व्यक्ति संवेदनशीलता के कारन एक तो राजनीती में जा नहीं पता अगर गया भी तो सफल नहीं होता है!
२. राजनीतिज्ञों के हाथ में गुरु पर्वत के नीचे जीवनं रेखा अवम शीर्ष रेखा के बीच कुछ फासला होता है जिससे व्यक्तित्व में नैसर्गिक नाटकीय छमता पाई जाती है।
३. ऐसी हथेली में भाग्य रेखा की एक शाखा यदि शुक्र क्षेत्र से निकल रही हो , अंगूठे का प्रथम पर्व लम्बा होताथा शुक्र क्षेत्र उन्नत हो तो इनमे अजगर जैसी आकर्षण शक्ति होती है आम आदमी इनसे कितना भी नाराज हो लेकिन चुनाव के समय इनके सामने पड़ते ही समर्पित हो जाता है , इनके आकर्षण का शिकार विपरीत लिंग ज्यादा होते हैं।
४. एक सच्चे राजनीतिज्ञ के हाथ में गुरु सूर्य चन्द्र क्षेत्र समुन्नत होते हैं , जीवनरेखा शुरुआत में कुछ ऊंचाई से शुरू होती है तथा शुक्र को ज्यादा गोलाई से घेरती है अंगूठे का प्रथम पर्व लम्बा होता है ऐसे लोग जन्मजात नेता देशभक्त सहनशील कार्यकुशल अवं न्याय की लड़ाई लडऩे में पीछे नहीं हटते हैं। लेकिन अगर ऐसी हथेली में शीर्ष रेखा बहुत नीचे ढल रही हो ये किंगमेकर की भूमिका में रहते है और चालाक लोग इनका फायदा उठाया करते हैं।
५. जब किसी उच्च पदस्थ नेता के हाथ में सूर्य रेखा अकस्मात् फीकी पडऩे लगे तो आने वाले समय में उसकी प्रतिष्ठा को धक्का पहुचता है और अपमान जनक स्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसी समय अगर भाग्य रेखा को मंगल से आने वाली कोई रेखा काटे तो पद से हाथ धोना पड़ता है।
राजनेताओं/ प्रत्याशियो के लिए ध्यातव्य बातें
1. हथेली में सूर्य पर्वत क्रॉस हो तो चुनाव न लड़ें मनोननयन की सोचें।
2. कभी लोहे का छल्ला न पहने।
3. कलाई में एक से अधिक रक्षा।/ कड़े धारण न करें।
4. रजस्वला स्थिति में या उसके साथ नामांकन या प्रचार न करें।
5. समर्थकों द्वारा पहनाई गयी माला बिना माथे से लगाये न उतारें।
6. अनधिकृत धन को अपने निजी अकाउंट में जमा न करें।
विजयी भव!!

ज्योतिष

मंगलवार से शुरु होगा पितृपक्ष

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जबलपुर। श्राद्धपक्ष की शुरूआत आज मंगलवार से हो रही है। इस बार श्राद्ध पक्ष १६ दिन के ही हैं। आज से १६ दिन तक पितृपक्ष चलेंगे। सनातन परम्परा के अनुसार पितरों को पानी देने वाले श्रावक स्नान दान पूर्णिमा की सुबह-सुबह नर्मदा तट पर पहुंचेगे और अपने पितरों का आह्वान करेंगे। पितृपक्ष के इन दिनों में प्रतिदिन नर्मदा के पावन तट पर पितरों को जल अर्पण करने, पिण्डदान करने का सिलसिला जारी रहेगा। पितृपक्ष में सभी शुभ कार्य बन्द कर दिये जाते हैं। पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के श्राद्ध-कर्म में ब्राम्हण-भोज, तर्पण और पिण्डदान की क्रियाएं की जाती हैं। इन दिनों में शादी विवाह, भवन-भूमि या वाहन खरीदी के साथ-साथ कपड़े, सोना-चांदी भी नहीं खरीदा जाता है। नर्मदा तटों के अलावा घरों में भी पितरों का तर्पण किया जाता है। नियत तिथि पर श्राद्ध करने की विधि निश्चित है। जिन जातकों को अपने पितरों के मृत्यु की तारीख ज्ञात नहीं होती, वे पितृमोक्ष अमावस्या के दिन तर्पण कर सकते हैं। आज श्राद्ध पूर्णिमा पर पहले तर्पण के साथ पितृपक्ष आरंभ होगा। पिण्डदान, तर्पण का सिलसिला शुरु होगा। ऐसी मान्यता है कि आश्विन मास के पहले पखवाड़े में दिवंगत पूर्वज मृत्यु-लोक में अपनी संतानोंं की कुशलक्षेम जानने आते हैं। कृतज्ञ संतानें अपने इन पूर्वजों को कुश की विशेष अंगूठी धारण कर पूरे पखवाड़े जल से तर्पण देते हैं। इसके साथ ही दिवंगत पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर पिण्डदान करने के अलावा बाह्मण भोजन और एक अंश भोजन गाय व कौओं को भी अर्पित करते हैं।

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राशिफल

आज का राशिफल (19/06/2021)

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शुभ संवत 2078, शाके 1943, सौम्य गोष्ठ, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, ग्रीष्म ऋतु, गुरु उदय पूर्वे शुक्रोदय पश्चिमें तिथि दसवीं, रविवासरे, चित्रा नक्षत्रे, वलयोगे, गणकरणे, तुला की चंद्रमा, भद्रा 12/23 रात्रि तक श्री गंगा दशहरा, वृक्षारोपण, नवान्त पद विद्यारंभ व्यापार मुर्हूत रवियोग तथापि पश्चिम दिशा की यात्रा शुभ होगी।

आज जन्म लिए बालक का फल…..
आज जन्म लिया बालक दार्शनिक, बुद्धिमान, चपल, चतुर, चंचल, वाक पटु तथा नीत निपुण, शिक्षक, लेक्चरार, अधिवक्ता, नेता-अभिनेता, कुशल वक्ता-अधिवक्ता, विधायक, राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री होगा।

मेष राशि :- हर्ष, यात्रा, सुख-सफलता, हानि, गृह-कलह, मानसिक अशांतिकारक हो ।
वृष राशि – विरोध, व्यय, कष्ट, अशांति, लाभ होगा, शिक्षा-लेखन कार्य में सफलता मिले।
मिथुन राशि :- व्यापार में क्षति, यात्रा, विवाद, उद्योग-व्यापार की स्थिति में कमी, हानि होगी।
कर्क राशि – शरीरादि मध्यम, भूमि व राजलाभ, असफलता का दिन सबित होगा।
सिंह राशि – वाहन आदि भय, कष्ट, राजसुख, यात्रा होगी, शुभ कार्य में व्यावधान होगा।
कन्या राशि – व्यय, प्रवास, विरोध, भूमि लाभ होगा, राजकार्य में व्यावधान, लाभ होगा।
तुला राशि – रोगभय, मातृ-सुख, खर्च, यात्रा, व्यापार में सुधार हो सकता है, कार्य होगा।
वृश्चिक राशि – कार्यसिद्ध, लाभ, विरोध, भूमि लाभ होगा, राजकार्य में व्यस्तता रहेगी।
धनु राशि – लाभ, धर्म रुचि, यश, हर्ष, यात्रा, समय शिक्षा जगत की ख्याति सामान्य रहेगी।
मकर राशि – विरोध, व्यापार में हानि, शरीर कष्ट, अधिक खर्च करने से कुछ कार्य होवेंगे।
कुंभ राशि – व्यय, प्रभाव, लाभ, प्रतिष्ठा, रोगभय, विरोधी असफल अवश्य होंगे।
मीन राशि – राजभय, यश लाभ, मान, चोटभय, राजकार्य में विलम्ब, परेशानी बढ़ेगी।

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राशिफल

आज का राशिफल (18/06/2021)

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शुभ संवत 2078, शाके 1943, सौम्य गोष्ठ, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, ग्रीष्म ऋतु, गुरु उदय पूर्वे शुक्रोदय पश्चिमें तिथि नवमी, शनिवासरे, हस्त नक्षत्रे, वलयोगे, कौलवकरणे, रोग विमुक्ता, स्नान मुर्हूत, गृह प्रवेश देव प्रतिष्ठा त्रिपुस्कर योग उपक्रर्म औषधि सेवन मुर्हूत वाहन क्रय विक्रय मुर्हूत तथापि दक्षिण दिशा की यात्रा शुभ होगी।

आज जन्म लिए बालक का फल….
आज जन्म लिया बालक योग्य, बुद्धिमान, कुशल वक्ता, शासक-प्रशासक, शिक्षक, लेक्चरार, प्रोफेसर, प्रिंसपाल, लेखक-कवि, उत्तम प्रकृति का लोभी, दम्भी, जिद्दी-हठी, संत-महात्मा, ज्ञानी तथा परोपकारी, योगी पुरुष होगा।

मेष राशि :- यात्रा व वृत्ति से लाभ, कुसंग से हानि, कुछ सहयोग रहे, पारिवारिक समाचार।
वृष राशि – शुभ कार्य, भूमि से हानि, सिद्धी, कभी-कभी विरोधी अडंगे करते रहेंगे, कार्य बनेंगे।
मिथुन राशि :- अधिक व्यय, स्वजन कष्ट, विवाद, आर्थिक कमी का अनुभव अवश्य होगा।
कर्क राशि – हानि, रोगभय, नौकरी में कष्ट, चिन्ता, राजकार्य, मामले-मुकदमे में असंतोष।
सिंह राशि – निराशा, लाभ, कार्य में सफलता, आर्थिक सुधार आदि होगा।
कन्या राशि – शरीर कष्ट, लाभ, राजभय, उद्योग-व्यापार में अडंगे अवश्य ही आयेंगे।
तुला राशि – चोट-अग्नि भय, धार्मिक कार्य, कष्ट, व्यर्थ अनाप-शनाप खर्च से परेशानी।
वृश्चिक राशि – बाधा, उलझन, लाभ, यात्रा, कष्ट, गृहकार्य में परेशानी अवश्य रहेगी।
धनु राशि – शत्रुभय, मुकदमे में जीत, रोगभय होगा, व्यापार में सुधार, कष्ट अवश्य होगा।
मकर राशि – व्यापार में लाभ, शत्रुभय, धन सुख, सुधार, खर्च होते ही रहेंगे, ध्यान रखें।
कुंभ राशि – कलह, व्यर्थ खर्च, सफलता प्राप्त हो, विरोधी असफल रहें, व्यापार में सुधार होगा।
मीन राशि – स्वजन सुख, पुत्र-चिन्ता, धन हानि, व्यापार की स्थिति अच्छी नहीं रहे।

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