नई दिल्ली| कोयला ब्लॉक नीलामी का तीसरा दौर गुरुवार को एक दिन के ठहराव के बाद महाराष्ट्र के माजरा खदान के लिए बोली के साथ फिर से शुरू हो गई। बुधवार को कानूनी और सुरक्षा कारणों से बोली स्थगित हो गई थी।(coal auction news) कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने ट्विटर पर कहा, “माजरा ब्लॉक की नीलामी सुबह 11 बजे शुरू हुई। इसका आधार मूल्य 800 रुपये है।”
माजरा खदान में 1.492 करोड़ टन खनन योग्य भंडार है। इसके लिए एसीसी, क्रेस्ट स्टील एंड पावर, इमामी सीमेंट, ग्रेस इंडस्ट्रीज, पेपी सीमेंट और जेके लक्ष्मी सीमेंट प्रतियोगिता में हैं।
सरकार ने बुधवार को दो खदानों को तीसरे दौर की नीलामी से बाहर कर दिया। झारखंड के चित्रपुर कोयला खदान को अदालत में चल रहे एक मामले के कारण सूची से बाहर किया गया। झारखंड के ही पर्वतपुर केंद्रीय खदान को इस आधार पर सूची से बाहर किया गया कि उसमें गैस है।
कोयला मंत्रालय ने दोनों ही खदानों के लिए बोली लगाने वाली कंपनियों को सूचना भेजकर इन खदानों को प्रक्रिया से बाहर करने के बारे में बताया।
सूचना में कहा गया है, “पर्वतपुर केंद्रीय कोयला खदान को नीलामी प्रक्रिया से बाहर किया जाता है।”
इसमें आगे कहा गया है, “दिल्ली उच्च न्यायालय में 11 अगस्त को एक रिट याचिका पर हुई सुनवाई के कारण 12 अगस्त, 2015 को चित्रपुर कोयला खदान की ई-नीलामी आयोजित नहीं होगी।”
सूचना में कहा गया है कि इन खदानों की नीलामी तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।
चित्रपुर खदान के लिए बोली लगाने वाली कंपनियों में हिंडाल्को, जिंदल स्टील एंड पॉवर और वेदांता लिमिटेड शामिल थीं। वहीं पर्वतपुर खदान के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील, राष्ट्रीय इस्पात निगम और सेल बोली लगाने वाली थी।
सूचना में कहा गया कि गुरुवार को अब सिर्फ महाराष्ट्र के माजरा खदान की नीलामी होगी।
कोयला ब्लॉक की तीसरे दौर की नीलामी में मंगलवार को महाराष्ट्र के मार्की मंगली-1 ब्लॉक के लिए टॉपवर्थ ऊर्जा एंड मेटल्स लिमिटेड और छत्तीसगढ़ के भास्करपारा खदान के लिए क्रेस्ट स्टील ने सर्वाधिक बोली लगाई।
पहले दिन की समाप्ति पर कोयला मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, “भास्करपारा की बोली 755 रुपये पर बंद हुई। क्रेस्ट स्टील एंड पॉवर ने सर्वाधिक बोली लगाई।”
केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, “मार्की मंगली-1 कोयला ब्लॉक के लिए टॉपवर्थ ऊर्जा एंड मेटल ने सर्वाधिक 715 रुपये की बोली लगाई।”
तीसरे चरण में 10 खदानों की नीलामी होगी। इसमें छह को पिछले चरण में भी नीलामी के लिए रखा गया था, लेकिन उसे खरीदार नहीं मिले।
सरकार ने गत महीने संसद में कहा था कि इन 10 खदानों में 35.626 करोड़ टन खनन योग्य भंडार हैं।
गत दो चरणों की नीलामी में सरकार को करीब दो लाख करोड़ रुपये की आय हुई है।
तीसरे दौर के सभी खदान कैप्टिव श्रेणी के हैं। इनका प्रयोग गैर नियमित क्षेत्र के द्वारा सीमेंट, एल्यूमीनियम, इस्पात और लोहा उत्पादन के लिए किया जाएगा।
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