नई दिल्ली| गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गाय को संरक्षित करने की जरूरत पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि भारत पर 16वीं से 18वीं सदी के बीच राज करने वाले मुगल तक गौ-हत्या के समर्थक नहीं थे। (new delhi hindi news)राजनाथ ने कहा, “मुगल शासकों के बारे में जो थोड़ी बहुत जानकारी है..उसके अनुसार मैं कह सकता हूं कि मुगल शासक भी इस तथ्य से वाकिफ थे। वे जानते थे कि गायों की हत्या करने और गौ-हत्या का समर्थन कर वे लंबे समय तक भारत पर राज नहीं कर सकते।”
गृह मंत्री ने भारत में मुगल शासन की नींव डालने वाले बाबर का हवाला देते हुए कहा, “यहां तक कि बाबर ने भी अपनी वसीयत में लिखा है कि हम एक साथ दो चीजें नहीं कर सकते। या तो लोगों का दिल जीत लें या गाय का मांस खा लें। इसमें से एक ही चीज हो सकती है..दोनों चीजें साथ-साथ नहीं हो सकतीं।”
गौ-संरक्षण पर आयोजित एक सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश शासक इस पहलू को समझने में भूल कर बैठे, जिसके कारण भारत की आजादी का पहला संग्राम छिड़ा।
उन्होंने कहा, “भारत में आने के बाद ब्रिटिशों को जिस तरह भारतीय परंपरा का सम्मान करना चाहिए था..उन्होंने वैसा नहीं किया। वास्तव में यह और खराब ही हुआ। 1857 में पहला स्वतंत्रता संग्राम छिड़ने की कुछ मुख्य वजहों में से गौ-मांस ही था, जिसे बंदूक की गोलियों में इस्तेमाल किया गया था। यह देशवासियों के गाय के प्रति प्रेम को दर्शाता है।”
वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वन क्षेत्रों में घास उगाने पर विचार कर रही है और किसानों को उनके पशुओं के लिए यह घास निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
जावड़ेकर ने कहा, “इस योजना को जल्द लागू किया जाएगा।”
जावड़ेकर ने यह भी बताया कि सरकार गो-शाला बनाने के लिए बजट में 22 लाख रुपयों की वृद्धि करने पर विचार कर रही है।
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