नई दिल्ली| भारतीय नागरिक एवं मध्य प्रदेश के दूरसंचार विभाग में सलाहकार रह चुके शिवराज सिंह दाबी ने कहा है कि उनका नाम अब अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की मोस्ट वांटेड (सर्वाधिक वांछित) की सूची से हट चुका है।
मध्य प्रदेश निवासी दाबी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि एक अमेरिकी अदालत ने उन पर लगा आरोप वापस ले लिया है। (fbi most wanted news) आरोप है कि ‘अभियोग से बचने के लिए वह अवैध रूप से विमान में सवार होकर फरार हो गया।’
इस आदेश के साथ ही यह साफ हो चुका है कि अब वह एफबीआई की सूची का हिस्सा नहीं है।
लेकिन, दाबी ने माना कि कैलिफोर्निया की सैक्रामेंतो काउंटी में अभी उनके खिलाफ एक मामला चल रहा है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को भी समुचित कानून प्रक्रिया के तहत खत्म कराने का प्रयास कर रहे हैं।
इसी साल मार्च में एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में दाबी के होने के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी।
एफबीआई ने वर्ष 2008 में दाबी को एक साइबर भगोड़ा घोषित कर दिया था। आरोप लगा कि दाबी अपने पूर्व नियोक्ता के कंप्यूटर में डाटा के साथ छेड़छाड़ कर, कई डाटा को डिलीट कर सैक्रामेंतो से भाग गए हैं।
दाबी ने अपने बयान में कहा, “मुझे जैसे ही यह खबर मिली, मैंने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से संपर्क किया और खुद के खिलाफ जारी एफबीआई के वारंट के मामले में हर मुमकिन सहयोग का भरोसा दिलाया।”
16 जून को सैक्रामेंतो की एक अदालत ने यह वारंट वापस ले लिया।
दाबी मध्य प्रदेश के दूरसंचार विभाग में सलाहकार थे। एफबीआई की सूची में उनका नाम आने के बाद उनकी अनुबंध अवधि नहीं बढ़ाई गई थी।
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