इंदौर/भोपाल। देश में साफ-सुथरे शहर के तौर पर पहचाने जाने वाली मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर ने एक और इतिहास रचा है। यहां की शत-प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। कोरोना महामारी से मुकाबला करने का बड़ा हथियार टीकाकरण को माना गया है। मध्य प्रदेश में टीकाकरण केा सफल बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। समूचे देश में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले जिलों में इंदौर पहला जिला बन गया है, जहाँ के शत-प्रतिशत लक्षित नागरिकों को प्रथम डोज की वैक्सीन लगायी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “इंदौर जिले ने कोविड टीकाकरण में इतिहास बनाया है। इस उपलब्धि के लिए मैं इंदौर के सभी नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, क्राइसिस मैनेजमेंट समिति के सदस्यों, स्वयंसेवी एवं समाजसेवी संस्थाओं, प्रशासन तथा टीकाकरण कार्य में संलग्न सभी व्यक्तियों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। सभी के सक्रिय सहयोग से ही इंदौर की जनता ने यह चमत्कार कर दिखाया है।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, “मैंने अपने गत प्रवास के दौरान इंदौरवासियों से अपील की थी कि वे 31 अगस्त तक कोरोना वैक्सीन का पहला डोज अवश्य लगवा लें। इंदौर की जनता ने कोरोना सुरक्षा चक्र के रूप में कोरोना वैक्सीन के महत्व को समझा तथा वैक्सीन लगवाया।”
कलेक्टर मनीष सिंह ने इन्दौर जिले के सम्पूर्ण नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों और टीकाकरण कार्य में संलग्न सभी शासकीय सेवकों को इसका श्रेय देते हुए बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि टीकाकरण की इस मुहिम में नगर निगम इन्दौर ने विशेष भूमिका निभायी है। समूचे अभियान में नगर निगम इन्दौर को नोडल एजेंसी बनाया गया था।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया, “जिले का लक्ष्य 28 लाख 7 हजार 559 लोगों का टीकाकरण करना था। 31 अगस्त को सायंकाल छह बजे ही इस लक्ष्य को पार करते हुए 28 लाख 8 हजार 212 व्यक्तियों का टीकाकरण कर लिया गया है।