नई दिल्ली| दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में झारखंड के 30 वर्षीय मोस्ट वांटेड नक्सली को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। (jharkhand most wanted arrested) उस पर एक पुलिस गश्ती दल पर हमले का आरोप है। पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने बताया कि पांच लाख रुपये के इनामी चनेश्वर यादव को पश्चिमी दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके से खुफिया जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया गया।
प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (भाकपा-माओवादी) का सब जोनल कमांडर बिहार के गया का रहने वाला है। 23 दिसंबर, 2014 को एक पुलिस गश्ती दल के खिलाफ आईईडी विस्फोट कर हमला करने तथा गोलीबारी की घटना को अंजाम देने के बाद से ही वह फरार था।
रांची से 150 किलोमीटर दूर चतरा जिले के इटखोरी में हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी तथा एक अन्य घायल हो गया था। पुलिस ने कहा कि यादव हमले का मास्टरमाइंड था।
अधिकारी ने कहा, “घटना के बाद से ही सुरक्षा बल यादव के पीछे लगे थे। लेकिन वह पकड़ में नहीं आया और मार्च में भागकर दिल्ली चला आया। झारखंड सरकार ने उसकी गिरफ्तारी पर पांच लाख के इनाम की घोषणा कर रखी थी।”
पुलिस ने कहा कि यादव ने कापसहेड़ा कॉलोनी में छिपा हुआ था, जहां अधिकांशत: बिहार तथा झारखंड के लोग रहते हैं।
यादव ने पुलिस से कहा कि वह साल 2013 में नक्सली समूह में शामिल हुआ था। वह अपने चाचा से उत्पीड़न का बदला लेने के लिए नक्सली बना था।
मई 2014 में उसे एक वरिष्ठ नक्सली कौशल बरोटी के जंगल में ले गया, जहां उसे इंदल सिंह व आलोक यादव नामक दो नक्सलियों से मिलाया गया, जिन्होंने उसे नक्सली दर्शन से अवगत कराया।
इसके तुरंत बाद, वह संगठन का जानामाना नाम बन गया और प्रतिबंधित संगठन के संदेश के प्रसार के लिए उसने कई गांवों का दौरा किया।
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