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डाक विभाग : पुरानी योजनाएं, नया गान

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नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर जो उपलब्धियां गिनाई हैं, वे उन्हीं योजनाओं और कार्यक्रमों पर आधारित हैं, जिनकी घोषणा या शुरुआत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पिछली सरकार ने की थी।(indian post office hindi news)

हमने खोजबीन कर जो तथ्य जुटाए, उसे टिप्पणी के लिए ईमेल से मंत्रालय के पास भेजा। अभी तक उस पर कोई टिप्पणी नहीं मिली है।

1. डाक घरों की नेटवर्किं ग : 2012 में मंजूरी। अधिकतर नेटवर्किं ग संप्रग शासनकाल में।

दावा : 27,215 डाक घरों की एक राष्ट्रीय इकाई में नेटवर्किं ग की गई।

जांच से पता चला : केंद्र सरकार ने नवंबर 2012 में 4,909 करोड़ रुपये की आईटी आधुनिकीकरण परियोजना को मंजूरी दी थी। परियोजनों के उद्देश्य निम्नलिखित थे :

सभी डाक घरों, मेल कार्यालयों, प्रशासनिक और अन्य कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण।

आईटी अवसंरचना एवं सॉफ्टवेयर एप्लीकेशनों का विकास।

परियोजना का मकसद डाक घर के ग्राहकों को कॉल-सेंटर सेवा और इंटरनेट, बचत खाता ग्राहकों को एटीएम, मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग सेवा देना तथा गांव-गांव तक डोरस्टेप डिलीवरी जैसी इलेक्ट्रॉनिक एवं सेक्योर मनी ट्रांसफर सेवा देना है।

डाक घरों की अधिकतर नेटवर्किं ग पिछली सरकार के कार्यकाल में ही हो चुकी थी। 31 दिसंबर 2014 तक 26,597 डाक घरों को वाइड एरिया नेटवर्क से जोड़ा गया।

2. डाक घरों को हाथ में रखकर उपयोग किए जाने वाले माइक्रो-एटीएम देने का प्रस्ताव। 2012 में प्रस्तावित।

दावा : गांव में स्थित डाक घरों को 1,30,000 हैंडहेल्ड बायोमेट्रिक उपकरण दिए जाएंगे।

जांच से पता चला : योजना का उल्लेख 2012 आईटी आधुनिकीकरण परियोजना में है। अभी तक हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ये उपकरण कब तक दिए जाएंगे।

3. कोर-बैंकिंग वाले डाक घरों की विकास दर। योजना के अनुरूप।

दावा : बैंकिंग सेवा देने वाले डाक घरों की संख्या 2013-14 के 236 से बढ़कर 2014-15 में 2,590 हो गई।

जांच से पता चला : यह आईटी आधुनिकीकरण परियोजना का हिस्सा है। परियोजना में डाक घर के बचत खाताधारकों के लिए एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवा प्रस्तावित है।

देशभर में करीब 1,000 एटीएम प्रस्तावित हैं। कोर बैंकिंग और एटीएम स्थापना सितंबर 2012 में शुरू हुई। पूर्णता की समय सीमा मार्च 2016 है।

मार्च 2013 तक 360 कोर बैंकिंग वाले डाक घर और आठ एटीएम चालू हुए। दिसंबर तक कोर बैंकिंग वाले डाक घरों की संख्या 1,436 हुई।

2013-14 और 2014-15 के आंकड़े की तुलना उचित नहीं है। क्योंकि परियोजना पूर्व निर्धारित समय सारणी के अनुरूप चल रही है।

4. कैश-ऑन-डिलीवरी विकास का आंकड़ा तकनीकी तौर पर सही।

दावा : कैश-ऑन-डिलीवरी कारोबार की आय 2013-14 में 100 करोड़ रुपये और 2014-15 में 500 करोड़ रुपये।

जांच से पता चला : पार्सल सेवाओं पर कैश-ऑन-डिलीवरी सेवा दो दिसंबर 2013 में शुरू। इसलिए 2013-14 का 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ तीन महीने का है।

5. स्पीड पोस्ट को 2014-15 में बेहतर बताने वाली रिपोर्ट अन्य वर्ष की।

दावा : आठ मई 2015 को संसद में पेश सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पीड पोस्ट निजी कुरियर सेवा से काफी बेहतर है।

जांच से पता चला : रिपोर्ट 2012-13 के लिए है।

6. स्पीड पोस्ट की आय 2014-15 में 7.4 फीसदी बढ़ी। पहले हालांकि यह और अधिक तेजी से बढ़ी थी।

दावा : आय 2014-15 में 1,470 करोड़ रुपये रही, जो साल-दर-साल आधार पर 7.4 फीसदी अधिक है।

जांच से पता चला : संसदीय आंकड़े के मुताबिक यह आय 2008-09 में 515 करोड़ रुपये थी, जो 2013-14 में बढ़कर 1,372 करोड़ रुपये हो गई। यह छह वर्ष तक सालाना 17.7 फीसदी की चक्रवृद्धि दर है।

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नई वाली कमिश्नरी क्या देगी अपने कमिश्नर को जीत का तोहफा

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गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद पुलिस के बीच आज होगा टी-20 का फाइनल
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। शुक्रवार को नेहरू स्टेडियम वीवीअईपी क्रिकेट मैदान में गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट टीमों के बीच 23वीं अंतर जनपदीय पुलिस क्रिकेट प्रतियोगिता-2022 के फाइनल मैच खेला जाएगा। फाइनल मैच सुबह 10 बजे शुरू होगा और इसकी ट्रॉफी पर कब्जा कौन करेगा यह इसके बाद तय हो पाएगा। हाल ही में कमिश्नरेट बने गाजियाबाद की टीम पहले मुकाबले से लेकर फाइनल पहुंचने तक शानदार गेंदबाजी, बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण के दम पर फाइनल में पहुंची है। हाल ही में गाजियाबाद को कमिश्नरी बनाया गया है। गाजियाबाद की टीम ने शानदार खेल के दम पर फाइनल में एंट्री पाई है। अब गाजियाबाद कमिश्नरेट टीम की कोशिश है कि अपने नवनियुक्त कमिश्नर को जीत का आज होने वाले मुकाबले में तोहफा दिया जाए। क्रिकेट का खेल मैदान पर खिलाड़ियों से लेकर अधिकारियों में जोश भर देता है। कहा जा रहा है सीपी अजय मिश्रा फाइनल मुकाबले में उपस्थित रहेंगे। इस दौरान गाजियाबाद की टीम मैच जीतकर तोहफा देने का पूरा प्रयास करेगी।
नेहरू स्टेडियम में आज सुबह 10.30 बजे होगा मैच
गाजियाबाद की क्रिकेट टीम पहले मुकाबले से लेकर फाइनल तक जीत की लय को बरकरार रखे हुए है। पहले मैच में सहारनपुर को एकतरफा अंदाज में हराया था तो गुरुवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में हापुड़ को शिकस्त दी। गेंदबाज से लेकर बल्लेबाज बेहतर फॉर्म में हैं। लोकल स्टेडियम और स्पोटर्् का टीम को लाभ भी मिल रहा है।

सेमीफाइनल में गाजियाबाद ने हापुड़ को हराया
(करंट क्राइम)। गुरुवार को खेले गए मैच में गाजियाबाद की टीम ने सेमीफाइनल में हापुड़ की टीम को करारी शिकस्त दी। गाजियाबाद के भोला चौधरी ने शानदार पारी खेलते हुए 48 रन से हापुड़ की टीम पर विजय प्राप्त की। कप्तान भोला चौधरी को इस शानदार खेल प्रदर्शन के लिए मैन आॅफ द मैच का पुरस्कार भी दिया गया। शुक्रवार को फाइनल मुकाबले पर विजेता खिलाड़ियों को नवनियुक्त सीपी अजय मिश्रा ट्रॉफी देकर सम्मानित करेंगे और पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि उपस्थित रह सकते हैं। गाजियाबाद में मेरठ जोन के सभी जिलों की टीमों ने यहां खेल भावना का परिचय देते हुए टी-20 फॉर्मेट पर खेली जा रहे क्रिकेट प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। गाजियाबाद की सेमीफाइनल में मिली शानदार जीत पर मैन आॅफ द मैच भोला चौधरी को एएसपी निमिष दशरथ पाटिल ने पुरस्कार देकर फाइनल मैच के लिए शुभकामना दी। फाइनल मुकाबले पर जीत का ताज किसके सिर पर आएगा यह देखना दिलचस्प होगा। फाइनल मैच गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट के बीच खेला जाएगा। विजेता वाला कप व ट्रॉफी कमिश्नरेट वाले किस जिले पर आएगा यह देखना दिलचस्प रहेगा।

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भाजपा के निर्दलीय दावेदार ने उतार दी निजी सफाई कर्मचारियों की फौज

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गाजियाबाद (करंट क्राइम)। निगम चुनाव में इस बार सर्दी में गर्मी का मौसम भाजपा के वार्डों में आया है। दावेदारी की सबसे बड़ी चुनौती भाजपा में मिल रही है। भाजपा के सिटिंग पार्षद के सामने चुनाव में खड़े होने के लिए भाजपा के ही दावेदार ताल ठोक रहे हैं। एक वार्ड ऐसा है जहां पूर्व मंडल अध्यक्ष से लेकर मौजूदा मंडल अध्यक्ष तक चुनावी मैदान में दावेदारी का एलान कर चुके हैं। पूर्व मंडल अध्यक्ष कह चुके हैं कि चुनाव हर हाल में लड़ना है यानी टिकट मिले या ना मिले वो निर्दलीय मैदान में उतरेंगे। मौजूदा मंडल अध्यक्ष तो इस बात की गारन्टी दे चुके हैं कि टिकट भी मेरा और चुनाव भी मुझे ही लड़ना है। इस वार्ड में रोचक जंग एक्स भगवा और रिलेक्स भगवा के बीच होनी है।
चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए नदियापार वाले तो दस पंखे ही बांट रहे हैं लेकिन शहर वाले इस वार्ड में धोती वालों ने तूफान उठा रखा है। वो फोगिंग मशीन खरीद लाये हैं और जहां निगम वाले नही पहुंचे हैं वहां वो फोगिंग मशीन लेकर पहुंचे हैं। घर घर फोगिंग कर रहे हैं और चुनावी दावेदारी की जोगिंग भी मजे से हो रही है। कांगे्रस के संभावित दावेदार ने जब मिर्जा वाले मोहल्ले में कथा कराई तो फोगिंग मशीन वाले दावेदार वहां जाकर माथा टेक आये, पुजारी से लेकर कथा सुन रहे वार्ड के मतदाताओं से जीत का आशीर्वाद ले आये। अब दावेदारी की जंग में रोचक रंग आ गया है। अभी तक तो कथा में माथा टेका जा रहा था और मौहल्ले में फोगिंग के साथ धुंआदार दावेदारी हो रही थी। अब मौहल्ले में दावेदार की सफाई फौज आ गयी है। कूड़ा उठ रहा है, सफाई हो रही है और मौहल्ले वालों की मौज आ गयी है। दावेदार ने इस सुविधा के लिए रकम खर्च की है और सूत्र बताते हैं कि उन्होंने तीन निजी सफाई कर्मियों को वेतन पर रखा है। निगम चुनाव तक वो काम करेंगे या मतदान तक काम करेंगे ये तो बाद की बात है लेकिन ये सफाई कर्मचारी वार्ड में आ गये हैं। खास बात ये है कि सफाई किसके सौजन्य से हो रही है ये पता लगना बहुत जरूरी है।
लिहाजा दावेदार मित्तल जी जो कि पूर्व मंडल अध्यक्ष भी हैं वो अपने फोटो और नाम के साथ वार्ड संख्या वाली टी-शर्ट लेकर आये हैं। सफाई कर्मचारी जब मौहल्ले में सफाई के लिए आयेंगे तो टी-शर्ट भी उन्हीं की पहनकर आयेंगे जो सफाई के बदले उन्हें भुगतान करायेंगे। ये सफाई कर्मचारी दोपहर दो बजे के बाद आते हैं। वार्ड के कोने कोने से कूड़ा उठाते हैं।

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बैठक के बाद चुनाव सहप्रभारी ने कही कार्यकर्ता की बात और समझी उनकी व्यथा बोले उद्योगपति पैसे वालों को नहीं बल्कि कार्यकर्ता को मिलेगी पार्षद टिकट में वरीयता वरिष्ठ

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संवाददाता (करंट क्राइम)

गाजियाबाद। नगर निगम चुनाव के सह प्रभारी और सहारनपुर से भाजपा विधायक राजीव गुम्बर गुरुवार को गाजियाबाद में निकाय चुनावों की मीटिंग के दौरान कार्यकर्ताओं के लिए एक उम्मीद की किरण छोड़कर गये। उन्होंने मीटिंग में जो कुछ कहा वो टिकट की दावेदारी कर रहे कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह की संजीवनी रही।
निकाय और निगम चुनाव से पहले भाजपा अपने चुनाव प्रबंधन की ताकत को जांचना चाहती है और वो यहां पर बूथ की ताकत का भी आंकलन करना चाहती है। जो बातें उन्होंने बैठक में कही उन बातों से इतर जाकर उन्होंने कार्यकर्ताओं के लिये भी जो कहा वो उत्साह जनक था।
चुनाव को लेकर कई वाईड बाते कही गयी लेकिन बैठक के बाद साईड में जो कहा वो कार्यकर्ता को प्राईड फील कराने वाला था। यहां कार्यकर्ताओं के लिए एक संदेश था तो एक संदेश उन टिकट गारंटरों के लिए भी था जो किसी ना किसी की पैरवी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार निगम चुनाव के सह प्रभारी राजीव गुम्बर ने कहा कि हमें अपने पुराने कार्यकर्ता की मान्यता को देखना है। टिकट कोर कमेटी तय करेगी लेकिन सभी लोग इस बात को समझ लें कि टिकट वितरण में कार्यकर्ता को प्राथमिकता मिलेगी। वार्ड के टिकट में किसी उद्योगपति या पैसे वाले को नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं को मौका दिया जायेगा।
सह प्रभारी के ये बोल बता रहे हैं कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की फौज के जरिये चुनावी नतीजों में फूल मौज लेना चाहती है।
जब संगठन कहेगा तब बॉयोडाटा दिये जाने हैं
निकाय चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं के जोश की नब्ज चुनाव सहप्रभारी राजीव गुम्बर ने टटोली। वो चुनाव का काम देख रहे हैं और वो जानते हैं कि भगवा गढ़ में दावेदारों की एक पूरी सेना चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। चुनावी अनुभव है और वो ये भी समझ रहे हैं कि चुनाव के बॉयोडेटा लेने के लिए भी एक टोली खुद को रेडी रखे हुए है।
कार्यकर्ताओं में किसी प्रकार का गलत संदेश ना जाये, और कार्यकर्ताओं को कहीं से भी ये नही लगना चाहिए कि उनके साथ पक्षपात हुआ है। बैठक के बाद साईड में जब वाईड तरीके से चुनाव सहप्रभारी ने समझाया तो यहां उन्होंने बातों ही बातों में ये भी बताया कि टिकट कोर कमेटी क्या करेगी और सभी लोग इस बात को ध्यान में रखें कि जब संगठन कहेगा तब बॉयोडेटा लिये जाने हैं। उससे पहले कोई भी अपना बॉयोडेटा नहीं देगा और ना ही कोई संगठन पदाधिकारी बॉयोडेटा लेगा।

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