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रिकॉर्ड उपलब्धि का या भाषण का?

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इतिहास के पन्नों में 69वां ‘स्वतंत्रता दिवस’ रिकॉर्ड बन गया है। लालकिले की प्राचीर से पहली स्वंतत्रता की अलस्सुबह बने रिकॉर्ड को तोड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। (pm narendra modi news in hindi) पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में लालकिले की प्राचीर से 72 मिनट का भाषण दिया था, इस बार नरेंद्र मोदी ने करीब सवा 86 मिनट भाषण देकर नया रिकॉर्ड बनाया।

‘टीम इंडिया’, सवा सौ करोड़ भारतीय, सरकार के 15 महीने और बेदाग दामन।

जातिवाद के जहर, संप्रदायवाद के जुनून को विकास के अमृत से कुचलने का आह्वान, भ्रष्टाचारी दीमक मुक्त भारत के सपने को हकीकत में बदलने का विश्वास जैसी अच्छी बातों के बीच विपक्ष पर कटाक्ष और सरकार की उपलब्धि को गिनाने में कोई कंजूसी नहीं।

आतंकवाद, विदेश नीति, यहां तक कि विदेश यात्राओं की उपलब्धि, संसद के गतिरोध जिस पर कुछ घंटे पहले ही राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति की चिंता जैसे सभी विषयों पर चुप्पी!

लेकिन छोटी-मोटी नौकरियों में इंटरव्यू प्रथा को समाप्त करने की बड़ी बात। पिछली बार देश की उन्नति में पूर्व सरकारों के योगदान का जिक्र, इस बार आलोचकों पर दार्शनिक कटाक्ष, निराशा में डूबने के शौकीनों को उसी में संतोष मिलता है, जितनी निराशा फैलाते हैं, उतनी गहरी नींद सोते हैं, लेकिन उन पर ध्यान की जरूरत नहीं।

‘ललित गेट, व्यापम घोटाला, वसुंधरा राजे पर संसद का पूरा मानसून सत्र हंगामे को समर्पित। संसद की ड्योढ़ी पर शीष नवाने वाले पहले प्रधानमंत्री इस पर भले ही सदन में नहीं बोले, लेकिन 15 अगस्त को उन्होंने खूब बोला, वह सब कुछ बोला जो विरोधी, संसद में बोलने का ऐसा निर्बाध मौका नहीं देते।

हो सकता है, इस पर अब सवाल खड़े हों, लंबी-लंबी बहस चले, लेकिन देश और दुनिया को जो संदेश देना था, प्रधानमंत्री ने दे दिया। निस्संदेह प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत देश में लगभग 18 करोड़ लोगों के खाते खुले और उसमें 20 हजार करोड़ रुपये जमा हुए, उसका सच यह भी कि 17 प्रतिशत खातों में अब भी 0 बैलेंस है।

उससे भी बड़ा सच यह कि देश में अब भी खाते कम, अनुपात में मोबाइल ज्यादा। इस बार नया स्टार्ट अप-स्टैंड अप इंडिया का आह्वान, कुछ यूं कि देश की हर बैंक शाखा क्रमश: क्षेत्र के एक दलित, एक आदिवासी और एक गरीब महिला को स्टार्ट अप कर्ज दे, जिससे देश में सवा लाख दलित और महिला उद्यमी पैदा होंगे, लाखों को काम मिलेगा, देश का आर्थिक जीवन बदलेगा। 1000 दिन में 18500 गांवों को और 2022 तक हर घर बिजली पहुंचाने का बड़ा वादा भी।

हर स्कूल में ‘शौचालय मिशन’ की सफलता पर खुशी जायज, लेकिन बड़ी सच्चाई यह भी कि 70 प्रतिशत शौचालयों में पानी नहीं। स्वच्छता को लेकर जातिगत आंकड़ों के पिटारे से बाहर हुई रिपोर्ट यदि सच है तो चिंतनीय भी, क्योंकि अभी भी साढ़े 8 लाख लोग सिर पर मैला ढ़ोते हैं!

एलपीजी गैस सब्सीडी का पैसा सीधे उपभोक्ता के खातों में ट्रांसफर से 15 हजार करोड़ रुपयों की वह चोरी रुकी जो बिचौलिये और दलाल करते थे।

‘गिव-इट-अप’ योजना के आह्वान का असर, 20 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी। भारतीयों का त्याग और समर्पण काबिले तारीफ है। सामाजिक सुरक्षा, गरीबों की भलाई, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, परिवार स्वास्थ्य योजना के जरिए 100 दिन में 10 करोड़ लोगों को सुरक्षा और पीएफ का यूनिक नंबर जरूर उपलब्धि है।

वन रैंक वन पेंशन पर रिटायर्ड फौजियों को तिरंगे के नीचे भरोसा। किसानों के प्रति समर्पित सरकार और कृषि मंत्रालय का नाम कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय करना वैसा ही, जैसा पिछली बार योजना आयोग का नाम नीति आयोग किया था।

कृषि सिंचाई योजना और खाद की कालाबाजारी रोकने नीम की परत वाला ऐसा यूरिया लाना, जिसका औद्योगिक क्षेत्रों में उपयोग न हो पाए, लेकिन बड़ी सच्चाई यह कि कृषि विकास दर 4.1 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत हो गई। 54 प्रतिशत खेत अब भी पानी को प्यासे, फिर भी नाम बदले मंत्रालय से किसान कल्याण की उम्मीद आखिरी आस।

बीते स्वाधीनता दिवस पर जातिवाद, सांप्रदायिकता और प्रांतवाद का जहर समाप्त करने, ऊंच-नीच का भाव खत्म करने का आह्वान कि कम से कम 10 साल तक इस पर ‘मोरॉटोरियम’ (रोक) लगाएं, प्रण यह कि हम सारे तनावों से मुक्ति की ओर जाएं। देश को बहुमत नहीं, बल्कि सहमति के आधार पर चलाने का बड़ा सपना।

अब अबु धाबी के ‘शेख जाएद’ मस्जिद जाना, दूसरी हकीकत यह भी कि साल भर में ही किस दल के लोगों ने सबसे ज्यादा सांप्रदायिक जहर उगला? छुपा नहीं है! रिकॉर्ड भाषण में 44 बार गरीबी, 19 बार ‘टीम इंडिया’ दोहराने के राजनीतिक मायने भी हैं।

‘टीम इंडिया’ का जिक्र भाजपा के चुनावी घोषणा का हिस्सा था! क्या यही अब अब यह ‘टीम इंडिया’ है? लालकिले की प्राचीर के नए रिकॉर्ड के मतलब चाहे जो निकलें, लेकिन इसमें शक नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकहित, देश का विकास और भारत को विश्व की अग्रणी पंक्ति में ले जाना चाहते हैं।

सच यह भी कि वे जिस दल से हैं, उसकी नीतियों, सिद्धांतों की सीमाओं में हैं। फिर भी दुनिया का सिरमौर बनने, सभी को मिलजुलकर सोचना होगा, भेदभाव, अलगाव-विलगाव से इतर दिलों की सामूहिक बात मन की बात बने, सभी दल देश के विकास और सम्मान में साथ हों। कहने की जरूरत नहीं कि यह सब होगा तो सवा सौ करोड़ देशवासी और ‘टीम इंडिया’ नहीं, बल्कि ‘वल्र्ड इंडिया’ की बात भी इसी लालकिले की प्राचीर से एक दिन गूंजेगी।

अगर राजनीतिक चश्मे से नहीं देखें तो थोड़ा अचरज और हैरानी जरूर होगी, क्योंकि मोदी जिस लोकप्रियता के सहारे भाजपा को सत्ता में लेकर आए, उसकी चमक अब ‘मद्धिम’ पड़ती जा रही है। 15 महीने की सरकार, 15 अगस्त 2015, सदन के बाहर लालकिले की प्राचीर पर बना रिकॉर्ड, क्या यही है लोकप्रिय सरकार की उपलब्धि?

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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नई वाली कमिश्नरी क्या देगी अपने कमिश्नर को जीत का तोहफा

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गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद पुलिस के बीच आज होगा टी-20 का फाइनल
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। शुक्रवार को नेहरू स्टेडियम वीवीअईपी क्रिकेट मैदान में गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट टीमों के बीच 23वीं अंतर जनपदीय पुलिस क्रिकेट प्रतियोगिता-2022 के फाइनल मैच खेला जाएगा। फाइनल मैच सुबह 10 बजे शुरू होगा और इसकी ट्रॉफी पर कब्जा कौन करेगा यह इसके बाद तय हो पाएगा। हाल ही में कमिश्नरेट बने गाजियाबाद की टीम पहले मुकाबले से लेकर फाइनल पहुंचने तक शानदार गेंदबाजी, बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण के दम पर फाइनल में पहुंची है। हाल ही में गाजियाबाद को कमिश्नरी बनाया गया है। गाजियाबाद की टीम ने शानदार खेल के दम पर फाइनल में एंट्री पाई है। अब गाजियाबाद कमिश्नरेट टीम की कोशिश है कि अपने नवनियुक्त कमिश्नर को जीत का आज होने वाले मुकाबले में तोहफा दिया जाए। क्रिकेट का खेल मैदान पर खिलाड़ियों से लेकर अधिकारियों में जोश भर देता है। कहा जा रहा है सीपी अजय मिश्रा फाइनल मुकाबले में उपस्थित रहेंगे। इस दौरान गाजियाबाद की टीम मैच जीतकर तोहफा देने का पूरा प्रयास करेगी।
नेहरू स्टेडियम में आज सुबह 10.30 बजे होगा मैच
गाजियाबाद की क्रिकेट टीम पहले मुकाबले से लेकर फाइनल तक जीत की लय को बरकरार रखे हुए है। पहले मैच में सहारनपुर को एकतरफा अंदाज में हराया था तो गुरुवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में हापुड़ को शिकस्त दी। गेंदबाज से लेकर बल्लेबाज बेहतर फॉर्म में हैं। लोकल स्टेडियम और स्पोटर्् का टीम को लाभ भी मिल रहा है।

सेमीफाइनल में गाजियाबाद ने हापुड़ को हराया
(करंट क्राइम)। गुरुवार को खेले गए मैच में गाजियाबाद की टीम ने सेमीफाइनल में हापुड़ की टीम को करारी शिकस्त दी। गाजियाबाद के भोला चौधरी ने शानदार पारी खेलते हुए 48 रन से हापुड़ की टीम पर विजय प्राप्त की। कप्तान भोला चौधरी को इस शानदार खेल प्रदर्शन के लिए मैन आॅफ द मैच का पुरस्कार भी दिया गया। शुक्रवार को फाइनल मुकाबले पर विजेता खिलाड़ियों को नवनियुक्त सीपी अजय मिश्रा ट्रॉफी देकर सम्मानित करेंगे और पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि उपस्थित रह सकते हैं। गाजियाबाद में मेरठ जोन के सभी जिलों की टीमों ने यहां खेल भावना का परिचय देते हुए टी-20 फॉर्मेट पर खेली जा रहे क्रिकेट प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। गाजियाबाद की सेमीफाइनल में मिली शानदार जीत पर मैन आॅफ द मैच भोला चौधरी को एएसपी निमिष दशरथ पाटिल ने पुरस्कार देकर फाइनल मैच के लिए शुभकामना दी। फाइनल मुकाबले पर जीत का ताज किसके सिर पर आएगा यह देखना दिलचस्प होगा। फाइनल मैच गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट के बीच खेला जाएगा। विजेता वाला कप व ट्रॉफी कमिश्नरेट वाले किस जिले पर आएगा यह देखना दिलचस्प रहेगा।

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भाजपा के निर्दलीय दावेदार ने उतार दी निजी सफाई कर्मचारियों की फौज

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गाजियाबाद (करंट क्राइम)। निगम चुनाव में इस बार सर्दी में गर्मी का मौसम भाजपा के वार्डों में आया है। दावेदारी की सबसे बड़ी चुनौती भाजपा में मिल रही है। भाजपा के सिटिंग पार्षद के सामने चुनाव में खड़े होने के लिए भाजपा के ही दावेदार ताल ठोक रहे हैं। एक वार्ड ऐसा है जहां पूर्व मंडल अध्यक्ष से लेकर मौजूदा मंडल अध्यक्ष तक चुनावी मैदान में दावेदारी का एलान कर चुके हैं। पूर्व मंडल अध्यक्ष कह चुके हैं कि चुनाव हर हाल में लड़ना है यानी टिकट मिले या ना मिले वो निर्दलीय मैदान में उतरेंगे। मौजूदा मंडल अध्यक्ष तो इस बात की गारन्टी दे चुके हैं कि टिकट भी मेरा और चुनाव भी मुझे ही लड़ना है। इस वार्ड में रोचक जंग एक्स भगवा और रिलेक्स भगवा के बीच होनी है।
चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए नदियापार वाले तो दस पंखे ही बांट रहे हैं लेकिन शहर वाले इस वार्ड में धोती वालों ने तूफान उठा रखा है। वो फोगिंग मशीन खरीद लाये हैं और जहां निगम वाले नही पहुंचे हैं वहां वो फोगिंग मशीन लेकर पहुंचे हैं। घर घर फोगिंग कर रहे हैं और चुनावी दावेदारी की जोगिंग भी मजे से हो रही है। कांगे्रस के संभावित दावेदार ने जब मिर्जा वाले मोहल्ले में कथा कराई तो फोगिंग मशीन वाले दावेदार वहां जाकर माथा टेक आये, पुजारी से लेकर कथा सुन रहे वार्ड के मतदाताओं से जीत का आशीर्वाद ले आये। अब दावेदारी की जंग में रोचक रंग आ गया है। अभी तक तो कथा में माथा टेका जा रहा था और मौहल्ले में फोगिंग के साथ धुंआदार दावेदारी हो रही थी। अब मौहल्ले में दावेदार की सफाई फौज आ गयी है। कूड़ा उठ रहा है, सफाई हो रही है और मौहल्ले वालों की मौज आ गयी है। दावेदार ने इस सुविधा के लिए रकम खर्च की है और सूत्र बताते हैं कि उन्होंने तीन निजी सफाई कर्मियों को वेतन पर रखा है। निगम चुनाव तक वो काम करेंगे या मतदान तक काम करेंगे ये तो बाद की बात है लेकिन ये सफाई कर्मचारी वार्ड में आ गये हैं। खास बात ये है कि सफाई किसके सौजन्य से हो रही है ये पता लगना बहुत जरूरी है।
लिहाजा दावेदार मित्तल जी जो कि पूर्व मंडल अध्यक्ष भी हैं वो अपने फोटो और नाम के साथ वार्ड संख्या वाली टी-शर्ट लेकर आये हैं। सफाई कर्मचारी जब मौहल्ले में सफाई के लिए आयेंगे तो टी-शर्ट भी उन्हीं की पहनकर आयेंगे जो सफाई के बदले उन्हें भुगतान करायेंगे। ये सफाई कर्मचारी दोपहर दो बजे के बाद आते हैं। वार्ड के कोने कोने से कूड़ा उठाते हैं।

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बैठक के बाद चुनाव सहप्रभारी ने कही कार्यकर्ता की बात और समझी उनकी व्यथा बोले उद्योगपति पैसे वालों को नहीं बल्कि कार्यकर्ता को मिलेगी पार्षद टिकट में वरीयता वरिष्ठ

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संवाददाता (करंट क्राइम)

गाजियाबाद। नगर निगम चुनाव के सह प्रभारी और सहारनपुर से भाजपा विधायक राजीव गुम्बर गुरुवार को गाजियाबाद में निकाय चुनावों की मीटिंग के दौरान कार्यकर्ताओं के लिए एक उम्मीद की किरण छोड़कर गये। उन्होंने मीटिंग में जो कुछ कहा वो टिकट की दावेदारी कर रहे कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह की संजीवनी रही।
निकाय और निगम चुनाव से पहले भाजपा अपने चुनाव प्रबंधन की ताकत को जांचना चाहती है और वो यहां पर बूथ की ताकत का भी आंकलन करना चाहती है। जो बातें उन्होंने बैठक में कही उन बातों से इतर जाकर उन्होंने कार्यकर्ताओं के लिये भी जो कहा वो उत्साह जनक था।
चुनाव को लेकर कई वाईड बाते कही गयी लेकिन बैठक के बाद साईड में जो कहा वो कार्यकर्ता को प्राईड फील कराने वाला था। यहां कार्यकर्ताओं के लिए एक संदेश था तो एक संदेश उन टिकट गारंटरों के लिए भी था जो किसी ना किसी की पैरवी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार निगम चुनाव के सह प्रभारी राजीव गुम्बर ने कहा कि हमें अपने पुराने कार्यकर्ता की मान्यता को देखना है। टिकट कोर कमेटी तय करेगी लेकिन सभी लोग इस बात को समझ लें कि टिकट वितरण में कार्यकर्ता को प्राथमिकता मिलेगी। वार्ड के टिकट में किसी उद्योगपति या पैसे वाले को नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं को मौका दिया जायेगा।
सह प्रभारी के ये बोल बता रहे हैं कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की फौज के जरिये चुनावी नतीजों में फूल मौज लेना चाहती है।
जब संगठन कहेगा तब बॉयोडाटा दिये जाने हैं
निकाय चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं के जोश की नब्ज चुनाव सहप्रभारी राजीव गुम्बर ने टटोली। वो चुनाव का काम देख रहे हैं और वो जानते हैं कि भगवा गढ़ में दावेदारों की एक पूरी सेना चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। चुनावी अनुभव है और वो ये भी समझ रहे हैं कि चुनाव के बॉयोडेटा लेने के लिए भी एक टोली खुद को रेडी रखे हुए है।
कार्यकर्ताओं में किसी प्रकार का गलत संदेश ना जाये, और कार्यकर्ताओं को कहीं से भी ये नही लगना चाहिए कि उनके साथ पक्षपात हुआ है। बैठक के बाद साईड में जब वाईड तरीके से चुनाव सहप्रभारी ने समझाया तो यहां उन्होंने बातों ही बातों में ये भी बताया कि टिकट कोर कमेटी क्या करेगी और सभी लोग इस बात को ध्यान में रखें कि जब संगठन कहेगा तब बॉयोडेटा लिये जाने हैं। उससे पहले कोई भी अपना बॉयोडेटा नहीं देगा और ना ही कोई संगठन पदाधिकारी बॉयोडेटा लेगा।

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