मौर्य ने अपने त्याग पत्र में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा है। मौर्य ने भाजपा छोड़ने के साथ ही पार्टी पर पिछड़े समुदाय के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि मौर्य अपने बेटे उत्कर्ष मौर्य के लिए टिकट के लिए मशक्कत कर रहे थे। उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य पहले से ही बदायूं से सांसद हैं।
सिंह ने कहा कि मुझे आश्चर्य है, हम कैबिनेट और कई अन्य मंत्रियों के समूह में एक साथ बैठे है। जब हम साथ थे, उन्होंने हमेशा प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी सरकार ने मोदी सरकार के साथ मिलकर दलितों के लिए, ओबीसी, किसानों के लिए अधिकतम किया है।
पांच बार विधायक रहे मौर्य का पूर्वी उत्तर प्रदेश में 35 फीसदी गैर-यादव ओबीसी के बीच दबदबा है। उनके भाजपा से बाहर होने से तीन अन्य विधायकों – रोशन लाल वर्मा, बृजेंद्र प्रजापति और भगवती शरण सागर ने भी इस्तीफा दे दिया है। तीनों ने योगी सरकार पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया है।