नई दिल्ली| मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाला मामले में आरटीआई के तहत प्राप्त सूचना के अनुसार, व्यापमं द्वारा 2006-07 में करवाए गए 14 प्रवेश परीक्षाओं में सिर्फ आवेदन फॉर्मो की बिक्री और आवेदश शुल्क में की गई घपलेबाजी में ही चार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। (wyapam scam hindi news) ये आवेदन फॉर्म व्यापमं के नकद पटल खिड़की, राष्ट्रीयकृत बैंकों और आधिकारिक संस्थानों के जरिए बेचे गए।
आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा स्थानीय निधि लेखा परीक्षा निदेशालय (एलएफए) से आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी के मुताबिक, व्यापमं के खाते में बेचे गए आवेदन फॉर्मो की संख्या और पंजीकृत किए गए आवेदन फॉर्मो की संख्या में अंतर के कारण 4,09,20,762 करोड़ रुपये गोलमाल हो रहा है।
आरटीआई से मिले जवाब में निदेशालय ने कहा है, “यदि राज्य में एमसीए की परीक्षा के लिए 187 फॉर्म बेचे गए, जिसमें से विभाग को सिर्फ 49 ही मिले। ऐसे में सिर्फ रिसीव किए गए 49 फॉर्म के जरिए मिली राशि ही खाते में दर्ज की गई।”
एलएफए ने 13 नवंबर, 2007 को किए गए अपने लेखा परीक्षा की रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने कुल छापे फॉर्मो की संख्या, बेचे गए फॉर्मो की संख्या और उनकी बिक्री से हुई आय के बारे में व्यापमं के स्टोर विभाग से जानकारी मांगी।
स्टोर विभाग हालांकि एलएफए को यह जानकारी मुहैया नहीं करा सका तो उसके बाद एलएफए ने व्यापमं के परीक्षा विभाग द्वारा दर्ज आंकड़ों से जानकारी इकट्ठी की।
उल्लेखनीय है कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मामले में अब तक 18 प्राथमिकी दर्ज कर ली है और अब तक मामले से जुड़े 40 लोगों की संदिग्ध मौत की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
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