मलेरिया के लिए अफ्रीकी देशों को सबसे खतरनाक माना जाता है। हाल ही में मलेरिया का परजीवी गौतमबुद्ध नगर में फैलने की खबर आई है। पिछले 15 दिनों में दो मरीजों के मलेरिया से संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। शनिवार को एक मरीज में दुर्लभ रूप से वाईवैक्स और फैल्सीफेरम दोनों की मौजूदगी पाई गई। इस मामले की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी गई है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. श्रुतिकीर्ति वर्मा ने बताया कि कैमरून में एक शराब कंपनी में काम करने वाले मरीज ने 25 जुलाई को भारत आकर 27 जुलाई को बुखार की शिकायत की। 29 जुलाई को नोएडा के निजी अस्पताल में जांच के दौरान वाईवैक्स और फैल्सीपेरम दोनों के परजीवी पाए गए। संक्रमण के लक्षण लगभग सात दिन में दिखते हैं, इसलिए यह निश्चित है कि जब उसे मच्छर ने काटा, वह कैमरून में था। भारत आने के बाद वह रुड़की, बाघा और अमृतसर होते हुए नोएडा पहुंचा है। इन स्थानों को अलर्ट किया गया है। नोएडा में वह हाइड पार्क सोसाइटी में अपने दोस्त के पास रुका था। यहां परजीवी के खत्म करने के लिए परिसर में फॉगिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव किया गया है और निगरानी बढ़ा दी गई है।
डॉ. वर्मा ने बताया कि नाइजीरिया से आने वाले एक अन्य मरीज में केवल फैल्सीपेरम परजीवी पाया गया, जो आमतौर पर अफ्रीका में मिलने वाले प्लाज्मोडियम एनाफिलिसीज मच्छर के काटने से फैलता है। भारत में वाईवैक्स के मामले अधिक होते हैं। यह मरीज ग्रेनो के डेल्टा सेक्टर की एक सोसाइटी में पहुंचा था, लेकिन यहां अभी कोई दूसरा मामला सामने नहीं आया है। अब तक कुल 30 मलेरिया के केस सामने आ चुके हैं, जबकि 2023 में पूरे साल में 44 केस सामने आए थे। मच्छर जनित बीमारियों के पीक की शुरुआत अभी बाकी है, जिससे खतरे की आशंका बनी हुई है।