नहीं हुआ एक्सटेंशन तो भाजपा के लिए टेंशन और बदलना पड़ेगा स्टाईल
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। राजनीति समीकरण का गेम है और सीट कोई सी भी हो पूरा गेम समीकरण पर निर्भर करता है। समीकरण जाति का भी हो सकता है और समीकरण परिसीमन का भी होता है। यहां पर अब नगर निकाय चुनाव भी आ रहे हैं और चर्चा मुरादनगर नगरपालिका परिषद के सीमा विस्तार को लेकर सरकार तक है। बीते दिनों गाजियाबाद के विधायकों ने एक पत्र शासन को लिखा था और मुरादनगर नगरपालिका परिषद के सीमा विस्तार की मांग की थी। सूत्र बताते हैं कि ये रणनीति ही इस बात पर थी कि यदि भोगौलिक स्तर पर सीमा विस्तार हो जाएगा तो फिर राजनीतिक स्तर पर ये सीट भाजपा के लिए मजबूत हो जाएगी। यहां सीमा विस्तार से भाजपा को एक बड़ा बैकअप मिलेगा। मुरादनगर और मोदीनगर की सीमा विस्तार की फाईल भी शासन के पास भेजी गयी थी। जब ये चर्चा हुई कि मुरादनगर और मोदीनगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार हो रहा है तो भाजपा खेमे में उत्साह की लहर थी। दावेदारों में उत्साह था और अब सूत्र बता रहे हैं कि लोनी की वजह से मुरादनगर और मोदीनगर की सीमा विस्तार वाली फाईल अटक गयी है। एक्सटेंशन वाली फाईल का अटकना भाजपा के लिए टेंशन वाली बात हो सकती है। भाजपा को फिर यहां अपने स्टाईल में परिवर्तन करना होगा। बहरहाल फाईल अटकने की वजह लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा नगर विकास मंत्री को लिखा गया पत्र भी हो सकता है। उन्होंने कुछ समय पहले शासन को पत्र लिखा था और लोनी को नगर निगम बनाने की मांग की थी। लोनी नगर पालिका के विस्तार की बात कही थी। लोनी विधायक का ये लैटर ही फाईल अटकने का बड़ा मैटर बताया जाता है। सूत्र बताते हैं कि नंदकिशोर गुर्जर ने जो पत्र शासन को लिखा था वो पत्र शासन के एक बड़े अधिकारी के पास पहुंचा है। इस पत्र के आधार पर अब नगर विकास मंत्रालय ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि निगम का प्रस्ताव यदि लोनी विधायक की ओर से नहीं आता तो सीमा विस्तार का प्रस्ताव पास हो जाता। लोनी नगर निगम का प्रस्ताव शासन के पास है और एक स्थान पर परिसीमन होगा तो फिर सभी पालिकाओं का होगा। इस वजह से ये पूरा गेम बिगड़ गया है।
Discussion about this post