सुनील शर्मा ने किया तीसरी बार मतदान और बाकी विधायकों के लिए ये दूसरा मौका
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। सोमवार को राष्टपति पद के लिए मतदान हुआ। राष्टÑपति पद के लिए द्रोपदी मुर्मू एनडीए उम्मीदवार है। राष्टÑपति चुनाव के लिए मतदान करने गाजियाबाद से भी विधायक पहुंचे। गाजियाबाद के तीन विधायकों ने एक ही कार में पहुंचकर मतदान किया। मतदान के खुशनुमा पलों को साझा किया और यहां पर मतदान की वरिष्ठता में सबसे बड़ी विधानसभा के विधायक सुनील शर्मा प्रथम रहे। उन्हें तीसरी बार राष्टÑपति चुनाव में मतदान करने का मौका मिला। वहीं अतुल गर्ग और अजीतपाल त्यागी को दूसरी बार मतदान करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
राष्टÑपति चुनाव में जब गाजियाबाद से मतदान वाली हाजिरी लगी तो करंट क्राइम ने इस मुद्दे पर साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा और शहर विधायक अतुल गर्ग से बात की। दोनों विधायकों ने अपने इस अनुभव को सुखद बताया और कहा कि एनडीए की राष्टÑपति उम्मीदवार की जीत बिल्कुल तय है और हम खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि हमे अपने देश के राष्टÑपति के चुनाव में मतदान करने का अंवसर मिला है।
विधायक वोट की गिनती है 207 और वोट डालने गए तीनों एक साथ
राष्टÑपति चुनाव में वरीयता मतों के गणित से गाजियाबाद के विधायकों के वोट की गिनती 207 है। विधायक सुनील शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने तीसरी बार राष्टÑपति चुनाव में मतदान किया है। सावन का पहला सोमवार था इसलिए सबसे पहले उठकर पूजा-प्रार्थना की और फिर मतदान के लिए रवाना हुआ। तीनों विधायक एक साथ इनोवा कार में विधानसभा पहुंचे और मतदान किया। गाजियाबाद से नंदकिशोर गुर्जर और डॉ. मंजू शिवाच ने भी राष्टÑपति चुनाव में मतदान किया लेकिन ये दोनों विधायक अलग-अलग पहुंचे थे और सुनील शर्मा, अतुल गर्ग तथा अजीतपाल त्यागी एकसाथ पहुंचे थे।
जब समाजवादियों ने करवा दिया भाजपा विधायकों को इंतजार
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। सरकार अपनी जगह और राजनीति शिष्टाचार अपनी जगह। राष्टÑपति चुनाव में मतदान करने के लिए पहुंचे भाजपा विधायकों को लगभग आधा घंटा इंतजार करना पड़ा। शहर विधायक अतुल गर्ग ने इस राज को भी करंट क्राइम से साझा किया और बताया कि जब हम मतदान के लिए पहुंचे तो हमसे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक मतदान के लिए लाइन में लगे थे। हमे अपना मतदान करने के लिए लगभग आधा घंटा इंतजार करना पड़ा। हमने इंतजार किया और लगभग 11:20 बजे पर मतदान किया। इंतजार करना भी चुनावी शिष्टाचार है। इसका सियासत से नहीं कोई सरोकार है।