सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में गाजियाबाद कमिश्नरेट प्रदेश के 17 जिलों में सबसे निचले पायदान पर, यानी 17वें स्थान पर रहा है। इसके विपरीत, पड़ोसी जिला गौतमबुद्धनगर अपराध नियंत्रण के मामले में कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए तीसरे स्थान पर है। गाजियाबाद की रैंकिंग में गिरावट की मुख्य वजह लंबित मुकदमों की संख्या और बढ़ते साइबर अपराध बताए गए हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी इस रैंकिंग में विभिन्न मानकों के आधार पर जिलों का आकलन किया जाता है। इनमें अपराध नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियानों का असर, शिकायतों का निस्तारण, मुकदमों की जांच की स्थिति, महिला अपराध नियंत्रण, अपराध की सूचना पर पुलिस की प्रतिक्रिया और अभियुक्तों को सजा दिलाने में पुलिस की पैरवी शामिल हैं। हालांकि, अपराध की सूचना पर मौके पर समय पर पहुंचने में गाजियाबाद पुलिस ने शीर्ष स्थान हासिल किया है, लेकिन अन्य मानकों पर प्रदर्शन कमजोर रहा, जिससे इसकी समग्र रैंकिंग में गिरावट आई है। एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद के अनुसार, कुछ मानकों में कमी के कारण रैंकिंग प्रभावित हुई है, और इसे सुधारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
अन्य प्रमुख चुनौतियां:
- मोबाइल और चेन लूट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
- मुकदमा दर्ज करने में देरी के मामले सामने आ रहे हैं।
- लोनी में हत्या और कविनगर में वाहन चोरी की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
- मुकदमों की पैरवी कर दोषियों को सजा दिलाने में स्थिति बेहतर नहीं है।
जनपद रैंकिंग सारणी:
-रामपुर: प्रथम – 86.76
-हमीरपुर: दूसरी – 84.30
-गौतमबुद्धनगर: तीसरी – 79.80
– गाजियाबाद: 17वीं – 74
मंडल के अन्य जिले:
– बुलंदशहर: 34वीं – 69.80
– हापुड़: 36वीं – 69.80
– मेरठ: 63वीं – 63.30
-बागपत: 69वीं – 62.20