Noida : कल प्रदेश और नोएडा के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बैठक में कई फैसले लिए गए। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी को भी मुख्यमंत्री द्वारा हरी झंडी दे दी गयी है, जिससे अब नोएडा फिल्म सिटी परियोजना की राह की सारी रुकावटें लगभग दूर हो गयी है। अब उम्मीद है की फिल्म सिटी का विकास रफ़्तार पकड़ेगा। बुधवार को लखनऊ में हुई बैठक में फिल्म सिटी को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गयी, आदित्यनाथ ने देशभर से आये फिल्म सिटी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियो संग आगे की योजना तैयार की। इस बैठक में नोएडा फिल्म सिटी को लेकर तीन मुख्य फैसले लिए गए:
1. 3 चरण में होगा विकास: नोएडा फिल्म सिटी का विकास 1000 करोड़ रूपये से ज्यादा लागत में किया जाएगा। नयी योजना के अनुसार अब फिल्म सिटी का विस्तार 3 चरणों में होगा। पहले चरण में 230 एकड़ क्षेत्रपाल का विकास होगा। इसमें से 156 एकड़ में फिल्म स्टूडियोज, 21 एकड़ में फिल्म इंस्टीट्यूट और बाकी 74 एकड़ में कमर्शियल एक्टिविटी और हाउसिंग फैसिलिटी होगी। फिल्म सिटी का दूसरा चरण 385 एकड़ क्षेत्रफल को कवर करेगा।
2. प्रीमियम नहीं लेगी अथॉरिटी : यमुना अथॉरिटी ने पहले सफल बिडर के लिए अग्रिम रूप से 116 करोड़ रुपये प्रीमियम देने का प्रावधान किया था। इसके बाद जो कंपनी ज्यादा रेवेन्यू शेयर बिड करती उसको प्रोजेक्ट दिया जाता लेकिन अब अथॉरिटी ने कारोबारियों के सुझावों और दूसरी फिल्म सिटी की तर्ज पर ये फैसला लिया है, की अब रेवेन्यू शेयरिंग के आधार पर ही बिडर को प्रोजेक्ट दिया जाएगा। प्रीमियम लेने के प्लान को हटा दिया गया है।
3. लाइसेंस पीरियड और मॉरेटोरियम पीरियड बढ़ा : फिल्म सिटी प्रोजेक्ट में तीसरा बड़े बदलाव के रुप में लाइसेंस पीरियड को 60 साल से बढ़ाकर 90 साल और मॉरेटोरियम पीरियड में 4 साल से बढ़ाकर 7 साल कर दिया गया है। यानि अब जिस कंपनी को बिड मिलेगी उसको 7 साल तक अथॉरिटी को कुछ नहीं देना होगा, 7 साल बाद रेवेन्यू शेयरिंग होगी।