नोएडा: नोएडा में प्रदूषण के मामले में तैयारियाँ आगाही से चल रही हैं। 1 अक्टूबर से, नोएडा में ग्रेप सिस्टम (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को प्रारम्भ किया जाएगा। इस सिस्टम को चार चरणों में लागू किया जाएगा, और पाबंदियां लागू की जाएगी। साथ ही, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने सात क्षेत्रों को हॉटस्पॉट्स की श्रेणी में रखा है, जहां सड़क पर उड़ने वाली धूल सबसे अधिक प्रभावित है। इनमें यमुना पुश्ता और पुश्ता रोड शामिल हैं। कंस्ट्रक्शन साइटों के कारण उड़ने वाली धूल के कारण, सेक्टर-115, सेक्टर-116, सेक्टर-150, दादरी रोड, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे, सेक्टर-125 एमिटी यूनिवर्सिटी और सेवन एक्स क्षेत्र अधिक प्रभावित हो रहे हैं। पाबंदियों का पहला चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 से 300 तक है, और इस दौरान ट्रैफिक पुलिस द्वारा अपनी समयावधि पूरी कर चुके डीजल और पेट्रोल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
पाबंदियों का दूसरा चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 से 400 तक होगा, और इस दौरान प्रदूषण को रोकने के लिए चिह्नित हॉटस्पॉट्स पर अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान, डुअल मोड वाले जनरेटर्स के संचालन पर छूट दी जाएगी। पाबंदियों का तीसरा चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 से 450 तक होगा, और इस दौरान बीएस-3 मानकों वाले पेट्रोल और बीएस-4 मानकों वाले डीजल चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया जाएगा। वहीं, पाबंदियों का चौथा चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से ऊपर तक होगा, और इस दौरान एनसीआर से बाहर के पंजीकृत वाहनों को छूट मिलेगी, जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-6 मानक वाले हैं।
इन इलाकों को “हॉटस्पॉट्स” की श्रेणी में रखा गया है
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से इस बार सात क्षेत्रों को “हॉटस्पॉट्स” की श्रेणी में शामिल किया गया है। इनमें सड़कों से उड़ने वाली धूल के क्षेत्रों में यमुना पुश्ता और पुश्ता रोड शामिल हैं। कंस्ट्रक्शन साइटों के कारण होने वाली धूल के कारण, सेक्टर-115, सेक्टर-116, सेक्टर-150, दादरी रोड, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे, सेक्टर-125 एमिटी यूनिवर्सिटी और सेवन एक्स क्षेत्र अधिक प्रभावित होते हैं।
यमुना में बाढ़ की वजह से सड़क पर मिट्टी जम गई है।
साथ ही, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे, सेक्टर-125 एमिटी यूनिवर्सिटी, सेक्टर-62, सेक्टर-104, सेक्टर-62, दादरी रोड के क्षेत्रों को ट्रैफिक जाम के कारण प्रदूषित इलाकों में शामिल किया गया है। दिल्ली स्थित गाजीपुर साइट के पास कूड़े के ढेर में लगने वाली आग के कारण भी सेक्टर-62 के क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ने की संभावना बनी हुई है। विभाग के मुताबिक, इस बार यमुना में आयी बाढ़ के कारण पुश्ता से सटे इलाकों में मिट्टी जम गई है, और इसके परिणामस्वरूप सड़कों पर मिट्टी का जमावट बढ़ गया है, जिससे प्रदूषण का स्तर वृद्धि हो रही है।