न्यायालय के आदेश के अनुसार कोतवाली में दर्ज हुआ मुकदमा बिसरख गया।
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फिलहाल, दिल्ली की जेल में अरोड़ा को माननीय अर्थात मनी लाउंड्रिंग के आरोपों के लिए बंद है।
ग्रेटर नोएडा समाचार
ग्रेटर नोएडा से महत्वपूर्ण खबर है कि जिला न्यायालय के आदेश पर बिसरख कोतवाली पुलिस ने सुपरटेक बिल्डर समेत 12 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है और मामले की छानबीन शुरू की हुई है। चेयरमैन आरके अरोड़ा के एक के बाद एक फ़र्ज़ीवाड़े सामने आ रहे हैं, जिनमें अरबों रुपये की हेरा-फेरी और मनी लॉन्डरिंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं। आरके अरोड़ा फिलहाल दिल्ली की जेल में बंद हैं और प्रवर्तन निदेशालय ने इस महीने की शुरुआत में गिरफ़्तार किया था।
क्या है नया घटना?
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर गामा वन में रहने वाली कमलेश देवी ने न्यायालय को बताया कि वह सुपरटेक बिल्डर के इकोविलेज-2 प्रोजेक्ट में एक फ्लैट को बुक कर चुकी है और यह हाउसिंग प्रोजेक्ट ग्रेटर नोएडा वेस्ट में है। उसने 22 लाख 38 हजार 468 रुपये के भुगतान के दौरान सुपरटेक लिमिटेड को कर दिया था और उसे बताया गया कि वर्ष 2013 तक फ्लैट पर कब्जा दे दिया जाएगा। लेकिन दस साल बीत चुके हैं और आज तक कमलेश देवी को उनके घर पर कब्जा नहीं दिया गया है। इसके बाद पीड़िता ने भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की गौतमबुद्ध नगर बैंच के समक्ष परिवाद दर्ज किया।
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यूपी रेरा में भी धोखा दिया गया है।
इस मुकदमे के दौरान सुपरटेक ग्रुप ने कमलेश देवी को अन्य प्रोजेक्ट में एक फ्लैट देने के लिए प्रस्ताव दिया और उनकी सहमति प्राप्त कर फ्लैट आवंटित करके कब्जा दे दिया। पीड़िता का आरोप है कि 10 अप्रैल 2022 को पूजा तिवारी, जयशंकर तिवारी और प्रशांत तिवारी उसके पास पहुंचे और उन्होंने खुद को उस फ्लैट का स्वामी बताया। जब जांच-पड़ताल की तो पता चला कि अपराधिक षड्यंत्र के तहत उसके फ्लैट का आवंटन किया गया है। इसके बाद फ्लैट के कूट रचित दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी से बेच दिए गए हैं।
अदालत ने एफआईआर का आदेश दिया।
न्यायालय ने पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करके पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। बिसरख कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बिसरख के एसएचओ का कहना है कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है। जल्दी अदालत की इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
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