नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। उत्तरी गाजा में जानमाल के नुकसान पर दुःख व्यक्त करते हुए भारत ने शुक्रवार को युद्धग्रस्त क्षेत्र में मानवीय सहायता और सहायता की सुरक्षित तथा समय पर डिलीवरी के लिए अपना आह्वान दोहराया।
गाजा शहर में गुरुवार को खाद्य सहायता ट्रकों के आसपास इकट्ठा भूखे नागरिकों पर इजरायली सैनिकों द्वारा की गई गोलीबारी में 100 से अधिक लोग मारे गए और 700 के करीब घायल हो गए।
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की कि पिछले साल 7 अक्टूबर को शुरू इज़रायली हमलों के बाद से मरने वालों की संख्या 30 हजार से ज्यादा हो गई है।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, ”कल मानवीय सहायता पहुंचाने के दौरान उत्तरी गाजा में लोगों की मौत से हमें गहरा सदमा लगा है।”
मंत्रालय ने “मानवीय सहायता और सहायता की सुरक्षित और समय पर डिलीवरी” के लिए अपना आह्वान दोहराते हुए कहा, “गाजा में जनजीवन की ऐसी हानि और बड़ी मानवीय स्थिति अत्यधिक चिंता का कारण बनी हुई है।”
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र में बोलते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गाजा संघर्ष पर भारत की चिंताओं को व्यक्त करते हुए कहा था कि संघर्षों से उत्पन्न मानवीय संकटों के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “गाजा में संघर्ष हम सभी के लिए बहुत चिंता का विषय है। संघर्षों से उत्पन्न होने वाले मानवीय संकटों के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है जो सबसे अधिक प्रभावित लोगों को तत्काल राहत दे।” उन्होंने कहा कि प्रयासों को दो-राष्ट्र समाधान की तलाश पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। फ़िलिस्तीनी लोग सुरक्षित सीमाओं के भीतर रह सकते हैं।
विश्व नेताओं ने इस “दुःखद घटना” की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इससे युद्धविराम वार्ता खतरे में पड़ सकती है।
–आईएएनएस
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