चेन्नई, 9 फरवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु में कृष्णागिरी की जिला कलेक्टर (डीसी) जिले के एक आदिवासी स्कूल में दोपहर के भोजन में अंडे की कथित कमी की जांच करेंगी।
ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कृष्णागिरी के कदंबकुट्टई में पंचायत यूनियन स्कूल के इरुलर (एसटी) छात्रों को पिछले कुछ हफ्तों से दोपहर के भोजन के साथ अनिवार्य अंडे नहीं मिल रहे हैं।
बता दें कि कृष्णागिरी जिले में कदम्बुकुट्टई एक इरुलर बस्ती है और शिक्षकों को जून 2023 से केलमंगलम से स्कूल में प्रतिनियुक्त किया गया है। ऐसे उदाहरण हैं कि शिक्षक, जिन्हें केलमंगलम से प्रतिनियुक्त किया गया था, वे आदिवासी बस्ती के स्कूल में नहीं पहुंचे।
संपर्क करने पर कदंबकुट्टई स्कूल के दोपहर के भोजन के आयोजक, देवराजम्मा ने आईएएनएस को बताया कि हर महीने 180 अंडों की नियमित आपूर्ति होती थी और एक समय में 90 अंडों की पाक्षिक आपूर्ति होती थी और यह स्कूल के लिए अंडों की आवश्यक मात्रा थी।
आपूर्तिकर्ता ने कहा कि जो व्यक्ति अंडे की आपूर्ति करता था, वह सोमवार से उपलब्ध नहीं है और इसलिए अंडे की कमी है। देवराजम्मा ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
इस बीच, कृष्णागिरि जिला कलेक्टर के.एम. सरयू ने आईएएनएस से कहा कि वह इस मुद्दे को देखेंगी और विस्तृत जांच कराएंगी।
सामाजिक कार्यकर्ता और आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर शोधकर्ता के.आर. अमुधम ने आईएएनएस को बताया कि मामला गंभीर है और जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पौष्टिकयुक्त दोपहर भोजन योजना इरुलर जनजातियों के स्कूल नामांकन के प्रतिशत में वृद्धि के सीधे आनुपातिक थी और कहा कि जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
–आईएएनएस
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