बेंगलुरु, 4 मार्च (आईएएनएस)। कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने पुलिस को अल्पसंख्यकों के खिलाफ मामलों को दबाने का निर्देश दिया है।
अशोक ने कहा, “सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के खिलाफ मामलों को दबाने और बहुसंख्यक समुदाय के खिलाफ मामले दर्ज होने पर तत्काल कार्रवाई शुरू करने का स्पष्ट निर्देश है।“
उन्होंने कहा, ”कर्नाटक के नागरिक के तौर पर मैं इन घटनाक्रमों से दुखी हूं। यदि दोनों मामलों (पाकिस्तान जिंदाबाद नारा विवाद और बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामला) में तुष्टिकरण के आरोप साबित हो जाते हैं, तो क्या वे सरकार को भंग कर देंगे?”
“अगर दोनों मामलों में आतंकी संबंध स्थापित हो जाता है तो क्या सरकार में सभी लोग अपना इस्तीफा सौंप देंगे? कैफे विस्फोट को व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम होने की बात किसने कही? ये बयान राज्य में आतंकी गतिविधियों को जारी रखना सुनिश्चित करेंगे।”
“राज्य के गृहमंत्री दबाव में हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो तथ्यों को सामने रखते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा होगा कि आपने रिपोर्ट ही नहीं सौंपी है। मैं भी गृहमंत्री था। नियम है कि रिपोर्ट में जमा करने की तारीख का उल्लेख किया जाएगा। वह चीजों को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।”
अशोक ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार को नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए। गृहमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर निहित स्वार्थों के जादू में हैं।”
विपक्ष के नेता ने आगे कहा कि पाकिस्तान समर्थक नारे के मामले में कांग्रेस सरकार “तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है।”
निजी रिपोर्ट में पाक समर्थक नारे लगाए जाने की बात साबित हुई है। सरकार को आधिकारिक एफएसएल रिपोर्ट भी मिल गई है। अशोक ने दावा किया कि राज्य सरकार किसी को बचाने के लिए मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।
अशोक ने कहा, “उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने दावा किया है कि राज्य विधानमंडल के परिसर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा है कि बम विस्फोट व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता के कारण हुआ था। उन्होंने मंगलुरु कुकर विस्फोट साजिशकर्ता को निर्दोष बताया और कहा कि एफएसएल रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है, शायद किसी पर दोष मढ़ने का प्रयास चल रहा है।”
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “मुख्यमंत्री सिद्दरामैया, आपने सत्य की शपथ ली है और सत्ता संभालने के बाद यदि आप सत्य को कुचलेंगे तो यह आपकी गरिमा के अनुरूप नहीं होगा। क्या पार्टी देश से ऊपर हो गई है? क्या वोट बैंक की राजनीति देश हित से बड़ी है? देश बचेगा तो आपकी पार्टी, वोट, सत्ता बरकरार रहेगी। यदि आपमें थोड़ी सी भी देशभक्ति है, तो बिना समय बर्बाद किए ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नारा मामले पर एफएसएल रिपोर्ट सार्वजनिक करें।”
–आईएएनएस
एसजीके/