नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के झुंझुनू में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान कथित तौर पर जेसीबी मशीनों पर पथराव करने और सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने वाली दो महिलाओं को अग्रिम जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा, “यह ध्यान में रखते हुए कि दोनों अपीलकर्ता महिलाएं हैं और समाज के वंचित वर्ग से हैं, हम दोनों अपीलकर्ताओं के पक्ष में अपने विवेक का प्रयोग करने के लिए राजी हैं।”
पीठ ने अगस्त 2023 में सुनवाई की पहली तारीख पर दोनों अपीलकर्ताओं को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी।
राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को रद्द करते हुए उसने दोनों आरोपियों को एक सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को पारित एक आदेश में कहा, “यह स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है कि अपीलकर्ताओं को जांच में सहयोग करना होगा और सुनवाई की तारीखों पर ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होना होगा।”
इसमें कहा गया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें गिरफ्तार करने वाले अधिकारी की संतुष्टि के लिए पाँच हजार रुपये के व्यक्तिगत बांड और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि देने पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।
इससे पहले, राजस्थान उच्च न्यायालय और सत्र न्यायालय ने अपीलकर्ताओं को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 332, 353, 506, 336, 427 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध के लिए राजस्थान के झुंझुनू के खेतड़ी थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
–आईएएनएस
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