कोलकाता, 10 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा प्रभावित संदेशखाली में शनिवार को फिर से तनाव फैल गया।
इलाके में धारा 144 लागू होने और भारी पुलिस दल की गश्ती के बीच शनिवार शाम को भाजपा के 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संदेशखाली में प्रवेश करने की कोशिश की। वहां तैनात पुलिस ने उन्हें रोक दिया जिसके बाद तनाव पैदा हो गया। इसके बाद भाजपा प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और तैनाती के प्रभारी पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
भाजपा नेता कृष्णेंदु मुखोपाध्याय ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के केवल चार सदस्यों को संदेशखाली में प्रवेश करने और वहां के स्थानीय थाने में एक प्रतिनियुक्ति जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “हालांकि, पुलिस ने हमें इसकी इजाजत भी नहीं दी। दरअसल, वे डरे हुए हैं कि अगर हम अंदर गए, तो यह जानकारी सामने आ जाएगी कि कैसे पुलिस स्थानीय लोगों के लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने के लिए स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के गुंडों के साथ मिलकर काम कर रही है।”
जिस समय संदेशखाली क्षेत्र के बाहर यह तनाव चल रहा था, लगभग उसी समय एक और तनाव पैदा हो गया जब महिलाओं का एक समूह बांस की छड़ें और दरांती लेकर सड़कों पर इकट्ठा हो गया और शुक्रवार देर रात एक स्थानीय ग्रामीण के आवास पर सत्तारूढ़ दल द्वारा समर्थित एक समूह के हमले का विरोध किया।
महिलाओं ने संदेशखाली थाने तक मार्च किया और उसके बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय ग्रामीण के आवास पर हमले में स्थानीय पुलिस ने स्थानीय गुंडों की सहायता की थी।
स्थानीय लोगों, मुख्य रूप से महिलाओं ने, गुरुवार को फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहाँ की गिरफ्तारी की मांग करते हुए, उनके करीबी विश्वासपात्र और तृणमूल कांग्रेस नेता शिबू हाजरा के स्वामित्व वाले एक पोल्ट्री फार्म को जला दिया।
इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए संदेशखाली के एक हिस्से में पहले ही धारा 144 लगा दी गई है। वहां इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।
–आईएएनएस
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