तेहरान| दुनिया की छह महाशक्तियों और ईरान के बीच हुए परमाणु करार से ईरान की अमेरका को लेकर नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। (international hindi news) ईरान के एक वरिष्ठ मुज्ताहिद (विद्वान) ने मंगलवार को ये बातें कहीं। ईरान की ‘असेम्ब्ली ऑफ एक्सपर्ट्स’ के चेयरमैन अयातुल्ला मोहम्मद यजदी के हवाले से प्रेस टीवी ने कहा, “हमें विदेश नीतियों में बदलाव न करने की संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के प्रति सावधान रहना होगा। ईरान, अमेरिका को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानता है और अमेरिका जो अपराध कर रहा है वह अनगिनत हैं।”
वियना में जुलाई में हुए जेसीपीओए समझौते के तहत ईरान पर लगे सभी आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंधों को हटाए जाने के बदले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया है।
अयातुल्ला यजदी ने कहा, “हमें अमेरिका को यह बताना होगा कि ईरान को अमेरिकी उत्पादों का बाजार बनाने का उनका सपना उनके साथ उनकी कब्र में समा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि विदेशी कारोबारियों द्वारा हाल ही में किए गए तेहरान के दौरों से संबंधों में बहाली नहीं होगी।
उन्होंने कहा, “बातचीत का द्विपक्षीय या त्रिपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं होगा, और उनकी कंपनियों के समय-समय पर यहां दौरा करने से संबंध स्थापित नहीं हो सकेंगे।”
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