अगरतला| त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कहा है कि राज्य के आतंकवादी संगठनों ने बांग्लादेश में शिविर बना रखे हैं, लेकिन इस समय राज्य में उनके ठिकाने नहीं हैं।(Tripura CM Manik sarkar hindi news) सरकार ने सोमवार को त्रिपुरा विधानसभा में कहा, “आतंकवादी संगठनों के त्रिपुरा में कोई शिविर नहीं हैं और न ही वे यहां छिपे हुए हैं। उनके हांलाकि पड़ोसी देश बांग्लादेश में शिविर हैं।”
सरकार ने कहा कि बीते दो सालों में (2013-2014) राज्य में आतंकवाद संबंधित 12 घटनाएं हुई, जिसमें चार लोग मारे गए, जबकि दो लोग घायल हुए और 18 लोगों का अपहरण कर लिया गया। अपहृत 18 लोगों में से 16 लोगों को विद्रोहियों द्वारा बाद में छोड़ दिया गया।
त्रिपुरा के नेशनल लिब्रेशन फ्रंट(एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स(एटीटीएफ) ने बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित गुप्त शिविरों में पनाह ले रखी है और वे वहां सशस्त्र प्रशिक्षण ले रहे हैं। दोनों संगठनों पर गृह मंत्रालय द्वारा साल 1997 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। दोनों संगठनों की मांग है कि त्रिपुरा को भारत से अलग किया जाए।
एनएलएफटी विद्रोही समूह द्वारा सरकार के साथ शांति वार्ता की इच्छा व्यक्त करने के बाद त्रिपुरा और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने हाल ही में दो एनएलएफटी के साथ दो चक्र वार्ता की थी।
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