टोरंटो| भारत-कनाडा रिश्ते में आने वाले वर्षो में काफी गरमाहट आने वाली है। यह बात इंडो-कनाडा चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसीसी) ने कही है। (pm narendra modi news) अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संघ ने कहा है कि अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा के बाद दोनों देशों के गहराते संबंधों में रफ्तार आ गई है।
आईसीसीसी के अध्यक्ष संजय मक्कड़ ने कहा, “कुछ साल पहले तक कनाडा भारत के साथ संबंध नहीं बढ़ाना चाहता था। 2008 में इसने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत का समर्थन किया। उसके बाद स्थिति बदलने लगी और हमने परमाणु समझौता किया। गत पांच वर्षो में हमारे रिश्ते में सचमुच गरमाहट आई है।”
मोदी की कनाडा यात्रा गत 42 वर्षो में भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कनाडा यात्रा थी। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफेन हार्पर के साथ 50 घंटे व्यतीत किए, जो द्विपक्षीय संबंधों का एक रिकार्ड है।
इस यात्रा में भारत को यूरेनियम आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। कनाडा अब भारत में काफी रुचि ले रहा है।
दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल एक-दूसरे देशों का दौरा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) का एक प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में यहां आ रहा है, जो अवसंरचना निवेश, बड़ी परियोजनाओं और रियल एस्टेट संबंधी मुद्दे पर बात करेगा। कनाडा का भी एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत जा रहा है।”
आव्रजन नियम आसान होने से भारत से अधिक लोग अब कनाडा जा सकते हैं।
कनाडा के विश्वविद्यालय भारतीय विश्वविद्यालयों से समझौते कर रहे हैं।
कनाडा में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या भी कुछ साल पहले के 3,000-4,000 से बढ़कर अब 30,000 तक पहुंच गई है।
मक्कड़ ने कहा, “आईसीसीसी में हमने एक पर्यटन एवं आतिथ्य समिति बनाई है, जो इस क्षेत्र पर ध्यान देगी।”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद संबंधों के एक नए युग की शुरुआत होगी।
उन्होंने कहा, “कनाडा के भारतवंशी हर कहीं ऊंचे पदों पर देखे जा सकते हैं। भारत-कनाडा संबंधों में आ रही गरमाहट में वे एक महत्वपूर्ण कारक हैं।”
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