बीजिंग। चीन के स्टेट आर्काइव एडमिनिस्ट्रेशन ने जापान के के एक युद्ध अपराधियों के इकरारनामों को प्रकाशित करने की दिशा में 30 अगस्त 2015 को अपनी वेबसाइट पर जापान के युद्ध अपराधी होइची मात्सुई द्वारा हस्त लिखित स्वीकारोक्ति पत्र की तस्वीर जारी की है। (japan news)
आर्काइव एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जारी किए जाने वाले 31 स्वीकारोक्ति पत्रों की श्रृंखला में यह 20वां स्वीकारोक्ति पत्र है, जिसमें होइची ने 1940 में चीन पर जापान के आक्रमण में हिस्सा लेने और चीनी सैनिकों पर बर्बरता की बात को स्वीकार किया है।
होइची और उसके साथियों ने 1941 में पूर्वी चीन के शानडोंग प्रांत के लैवु काउंटी के एक गांव के 100 घरों में आग लगी दी थी, जिसमें लगभग 50 महिला, पुरुष और बच्चे जिंदा जल गए थे।
होइची ने पत्र में स्वीकार किया कि उसने कम से कम पांच चीनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया और अपने अधीनस्थों को भी अन्य दो चीनी महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का आदेश दिया। होइची ने उत्तर कोरिया की सात महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बात भी कबूली है।
अगस्त 1945 में अपनी गिरफ्तारी तक होइची शानडोंग में तैनात था। उसने बड़ी निर्दयता से चीनी सैनिकों को जिंदा जलाया। उसने अपने फौजी दल के प्रशिक्षण अभ्यास के तहत पांच चीनी सैनिकों को चाकू और तलवार से बड़ी बेरहमी से मारने का आदेश देने की बात भी स्वीकार की है।
गौरतलब है कि द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति की 70वीं बरसी के मौके पर चीन का स्टेट आर्काइव एडमिनिस्ट्रेशन अपनी वेबसाइट पर जापान के युद्ध अपराधियों के हस्तलिखित 31 इकरारनामों की श्रृंखला प्रकाशित कर रहा है।
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