इस्लामाबाद| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों की नई शर्ते पेश की हैं, लेकिन इसकी राह बेहद जोखिमभरी है। (latest news) पाकिस्तान के एक टिप्पणीकार ने रविवार को यह चेतावनी दी है। समाचारपत्र डॉन में प्रकाशित टिप्पणी में कहा गया है, “मोदी की मात्र एक वर्ष की उपलब्धियां नाम मात्र की, लेकिन महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने भारत-पाकिस्तान के वैश्विक दृष्टिकोण में गति पैदा की है और द्विपक्षीय संबंधों की शर्तो को नया रूप दे दिया है।”
“और पाकिस्तान उनके हाथों का खिलौना बन गया है। शायद मोदी ने अनुमान लगाया कि पाकिस्तान कश्मीर को मुख्य मुद्दा बनाने पर जोर देगा।”
टिप्पणी में कहा गया है, “दुनिया कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने के लिए भारत से नहीं कहेगी। यद्यपि दुनिया भारत और पाकिस्तान से बातचीत करने और जल्द बातचीत करने के लिए कहेगी।”
टिप्पणी में कहा गया है कि मोदी संभवत: सोचते हैं कि पाकिस्तान की भूमि पर भारत विरोधी आतंकवादियों के बारे में कुछ हल निकालने के लिए दुनिया पाकिस्तान पर दबाव बना सकती है।
लेकिन ऐसा लगता है कि दुनिया पाकिस्तान विरोधी आतंकवादियों से निपटने के प्रति पाकिस्तान के दृष्टिकोण के साथ सहानुभूति सबसे पहले रखती है। वैश्विक प्राथमिकता के संदर्भ में अफगानिस्ता का मुद्दा हर हाल में भारत-विरोधी मुद्दे से ज्यादा अहमियत रखता है।
टिप्पणी में कहा गया है कि जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर बढ़ता तनाव भले ही भारत के लिए स्थानीय समस्या है, लेकिन विश्व के लिए यह अपने आप में पर्याप्त चेतावनी है कि इसके लिए कुछ किया जाना आवश्यक है।
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