इस्लामाबाद| एक और आतंकवादी को अपने यहां पनाह देने के मामले में पाकिस्तान घिरता नजर आ रहा है। यह आतंकवादी तालिबान नेता मुल्ला उमर है जिसकी मौत हो चुकी है।(pakistan hindi news) पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि तालिबान सरगना मुल्ला उमर की मौत पाकिस्तान में नहीं हुई। जबकि, अफगानिस्तान का कहना है कि उसकी मौत पाकिस्तान में ही हुई। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने नेशनल असेंबली को बताया कि तालिबान नेता न तो कभी क्वेटा या कराची में रहा और न ही कराची के अस्पताल में उसका इलाज हुआ।
‘द न्यूज’ ने यह जानकारी दी है। आसिफ ने कहा कि मुल्ला उमर के परिजनों के बयान से भी यही साबित होता है कि उसकी मौत अफगानिस्तान में हुई और वहीं पर उसे दफन किया गया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन ने बीते महीने बताया था कि मुल्ला उमर की मौत अप्रैल 2013 में बीमारी की वजह से हुई और उसने पाकिस्तान के शहर कराची में दम तोड़ा था।
तालिबान ने उमर की मौत की तो पुष्टि की लेकिन यह नहीं बताया कि वह कब और कहां मरा।
आसिफ ने कहा कि उनका देश तालिबान के नेतृत्व के पचड़े में नहीं पड़ना चाहता। पाकिस्तान इलाके में शांति चाहता है और इसीलिए उसने तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच बातचीत के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
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