इस्लामाबाद| पाकिस्तान के एक अखबार ने शुक्रवार को कहा है तालिबान नेता मुल्ला उमर गुप्त स्थान में रह रहा है और उसकी मौत रहस्यमयी लग रही है।(pakistani newspapers hindi news)
‘न्यूज इंटरनेशनल’ ने अपने संपादकीय में कहा है कि मुल्ला उमर गुप्त स्थान में रह रहा है।
मुल्ला उमर ने 1996 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान का नेतृत्व किया था।
अखबार के मुताबिक, “बहुत कम लोगों ने उसे देखा है और उसकी एक आंख वाली तस्वीर बेहद दुर्लभ है। उसकी मौत रहस्यमयी लगती है।”
अफगानिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि मुल्ला उमर काबुल पर हमले के दौरान 2001 में गुप्त स्थान पर चला गया था और वहीं से तालिबान का नेतृत्व कर रहा था। उसकी कराची अस्पताल में अप्रैल, 2013 में मौत हो गई।
अखबार कहता है, “मुल्ला उमर को 2001 के बाद सार्वजनिक स्थान पर नहीं देखा गया, अमेरिका तथा अफगानिस्तान दोनों ने कई बार यह दावा किया कि वह पाकिस्तान में छिपा है। पाकिस्तान ने हमेशा अपनी जमीन पर मुल्ला उमर के छिपे होने की बात से इंकार किया है।”
अखबार कहता है कि मुल्ला उमर ने 1979 में अफगानिस्तान पर हमले के दौरान लड़ाई में हिस्सा लेने के बाद ओसामा बिन लादेन और अल-कायदा के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए थे, उसके बाद वह संभवत: लापता हो गया।
अखबार मुल्ला उमर की मौत की खबर पर तालिबान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर हैरान है।
संपादकीय में कहा गया है, “उसकी मौत की खबर अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधिमंडल और अफगान-तालिबान नेताओं के बीच पाकिस्तान में प्रस्तावित मुलाकात से पहले आई है। यह दोनों पक्षों के बीच दूसरे दौर की वार्ता होगी। पहले दौर की वार्ता कुछ सप्ताह पहले हुई थी और इसके बाद मुल्ला उमर का बयान आया था कि वह इस गतिविधि से खुश है।”
अखबार विश्लेषकों के हवाले से कहता है कि मुल्ला उमर की मौत अफगान-तालिबान के लिए बड़ा झटका होगा।
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