वेलिंगटन| भूत-प्रेत और ऐसी ही तमाम तथाकथित बाधाओं से लोगों को बचाने के नाम पर भारतीय ओझों ने अब न्यूजीलैंड का रुख किया है।(newzealand hindi news) इनकी मौजूदगी ने न्यूजीलैंड के भारतीय समुदाय के नेताओं के कान खड़े कर दिए हैं और अब ओझों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। भारतीय समुदाय के नेताओं ने इस तरह के अंधविश्वासी ओझों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रवासी भारतीय मीडिया की भी आलोचना की है और न्यूजीलैंड में बसे हिंदू समुदाय से इस तरह के कथित बाबाओं और ज्योतिषियों से दूर रहने की अपील की है।
ऑकलैंड के माउंट रोस्किल उपनगर में भारतीय समुदाय के सदस्यों की एक बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। वेब पोर्टल न्यूजीलैंड हेराल्ड ने इस बैठक की जानकारी दी है। बैठक की अध्यक्षता करने वाली प्रतिमा नंद ने कहा कि यह हमारी एक बड़ी चिंता है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के ओझों-बाबाओं को जो लोग प्रायोजित कर रहे हैं उन्हें न्यूजीलैंड में इनकी हर तरह की गतिविधि और नतीजों की जिम्मेदारी लेनी होगी।
ऑकलैंड में इंडियन एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख चंदू सिंह ने कहा कि इस तरह के लोगों को रोकना होगा। उन्होंने पूछा कि आखिर ये लोग यहां तक पहुंचे कैसे। आव्रजन विभाग को इसका जवाब देना होगा। बैठक में तय किया गया कि इस बारे में आव्रजन विभाग के मंत्री माइकल वुडहाउस को ज्ञापन देकर इस बात की जांच की मांग की जाएगी कि इस तरह के लोग आव्रजन के तमाम नियमों को धता बताते हुए यहां पहुंचे कैसे।
समुदाय के नेताओं ने स्थानीय भारतीय मीडिया से इस तरह के कथित ज्योतिषियों के विज्ञापन छापने के बारे में खुद नियम बनाने की अपील की। साथ ही हिंदू समुदाय से अंधविश्वास से पूरी तरह दूरी बनाने की भी अपील की।
उनका कहना था कि हिंदू संगठनों को भारत से पुजारियों को बुलाने से पहले इनके बारे में पूरी तरह जांच कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर साधु बस्टर्स नामक पेज शुरू किया गया है, जहां ऐसे ओझों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाएगी।
न्यूजीलैंड के आव्रजन विभाग ने भारतीय मूल के ऐसे नौ ओझों की पहचान की है, जिन्होंने लोगों को ठगा है।
समाचार चैनल 3न्यूज के अनुसार, इन नौ में से पांच न्यूजीलैंड से भाग चुके हैं। आव्रजन विभाग के अधिकारी पीटर दिवॉय ने बताया कि लोगों से इस बारे में राय मांगी गई है और राय के हिसाब से कार्रवाई का फैसला किया जाएगा।
ऑकलैंड में एक व्यापारी ने हाल ही में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि एक ओझा ने उसे 181,300 डॉलर का चूना लगाया है। डॉलर मिलने के फौरन बाद ओझा रफूचक्कर हो गया।
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