पेशावर| पाकिस्तान के पेशावर में 16 दिसंबर 2014 को एक सैन्य स्कूल में हुए नृशंस आतंकवादी हमले में मारे गए बच्चों के अभिभावकों ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से सैन्य अदालतों की स्थापना के समर्थन में दिए गए फैसले की सराहना की।(pakistan supreme court hindi news) समाचार पत्र ‘डॉन’ की गुरुवार की रपट के अनुसार, हमले में मारे गए स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का यह ऐतिहासिक फैसला उनके निर्दोष बच्चों के बलिदान का परिणाम है, जिनकी आतंकवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को देश में सैन्य अदालतों की स्थापना के समर्थन में फैसला सुनाते हुए संवैधानिक संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
पेशावर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए आतंकवादी हमले में मारे गए बच्चों के अभिभावकों के संघ गाजी शुहादा फोरम के महासचिव अजून खान ने कहा, “आतंकवादियों को दंडित करने और सबक सिखाने के लिए इस तरह के सैन्य अदालतों की स्थापना 10 साल पहले ही हो जानी चाहिए थी।”
उन्होंने कहा, “सैन्य अदालतें आतंकवादियों से संबंधित मुकदमे की तेजी से सुनवाई करेंगी। सैन्य अदालतों में चल रहे मुकदमों की विस्तृत जानकारियां भी जनता के साथ साझी की जानी चाहिए, ताकि मामले में पूरी पारदर्शिता बरती जा सके।”
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