कोलंबो| श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने लगातार 38 सालों तक संसद की अपनी सदस्यता बरकरार रखते हुए इतिहास रच दिया है। (international hindi news) विक्रमसिंघे 1977 में पहली बार सांसद बनाए गए थे और तब से लेकर अब तक उनकी संसद सदस्यता लगातार बरकरार है। समाचारपत्र ‘श्रीलंका मिरर’ के अनुसार, विक्रमसिंघे इससे पहले भी चार बार देश के प्रधानमंत्री बनाए जा चुके हैं। इससे पहले उन्होंने उप प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, सांसद और नेता प्रतिपक्ष की भी भूमिकाएं निभाई हैं।
युनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता गैमिनी जयविक्रम परेरा ने भी 1977 में पहली बार संसद की सदस्यता हासिल की थी, लेकिन 1988 में उन्होंने पश्चिमोत्तर प्रांत के परिषद चुनाव लड़ने के लिए संसद से इस्तीफा दे दिया था।
पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे पहली बार 1970 में सांसद निर्वाचित हुए थे, लेकिन 1977 में वह संसदीय चुनाव हार गए थे।
संसद में उनकी वापसी 1983 में हुई और 2005 में राष्ट्रपति चुने जाने से पहले तक वह संसद के सदस्य रहे।
You must be logged in to post a comment Login