गाजियाबाद कोर्ट में तेंदुए का अटैक, 10 जख्मी

ढाई सौ लोगों ने किया रेस्क्यू, साढ़े 4 घंटे में पकड़ा गया हमलावर तेंदुआ
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। बुधवार को करीब चार बजे गाजियाबाद कोर्ट की पुरानी बिल्डिंग में तेंदुए ने एंट्री करके सनसनी मचा दी। उसने यहां सीजीएम कोर्ट के बाहर जूते पॉलिश करने वाले एक व्यक्ति पर हमला किया और इसके बाद ताबड़तोड़ एक के बाद एक आठ से दस लोगों को अपना शिकार बनाया। तेंदुए के हमले से ना वकील बच सके, ना खाकी वाले और ना ही आम लोग। हमलावर तेंदुए ने कुल आठ लोगों को गंभीर रुप से जख्मी किया, जिसमें पांच घायलों को संजय नगर के संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया। तो वहीं तीन घायलों का यशोदा अस्पताल में उपचार किया गया। लगभग ढाई सौ से अधिक लोगों ने एक साथ रेस्क्यू करते हुए साढ़े 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़ा। वन विभाग की टीम ने पहले उसे बेहोश किया और फिर बाड़े में कैद कर उसे टीम अपने साथ ले गई है। रेस्क्यू में शुरूआत से ही वकील और पुलिस जुटी रही। इसके बाद सिविल डिफेंस और डीवीएफ से जुड़े लोगों ने भी मदद की। इस दौरान एडिशनल कमिश्नर आॅफ पुलिस दिनेश कुमार पी, डीसीपी सिटी जोन निपुण अग्रवाल, एसीपी कवि नगर अभिषेक श्रीवास्तव, कवि नगर थाना प्रभारी अमित काकरान और मधुबन बापूधाम थानाध्यक्ष डॉ. नीरज तोमर भी मौके पर मौजूद रहे। वहीं प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी विपिन कुमार और एसीएम निखिल ने भी कमान संभाले रखी। वन विभाग की ओर से मेरठ से भी टीम आई और रेस्क्यू टीम की कमान अशोक कुमार ने संभाली। लगभग साढ़े चार घंटे से अधिक गाजियाबाद कोर्ट परिसर पुरानी बिल्डिंग में तेंदुए को लेकर हाहाकार मचा रहा। तेंदुए ने एक के बाद एक लगभग 8 से 10 लोगों पर हमला किया। जिसमें से 8 घायलों का अस्पताल में उपचार किया गया। करीब नौ बजे के बाद तेंदुए को बाढ़े में रखकर एंबुलेंस में उपचार के लिए ले जाया गया।
सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुआ तेंदुए का अटैक
सोशल मीडिया पर गाजियाबाद के कोर्ट परिसर में तेंदुए के घुसने और हमला करने ,उसे सीजीएम के कमरा नंबर-50 में बंद करने की कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई। साथ ही यह सूचना पूरे दिल्ली- एनसीआर में पहुंच गई थी। वहीं खबरिया चैनलों पर भी यह हमला जमकर प्रसारित किया गया। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर एक अधिवक्ता द्वारा वहां का लाइव वीडियो प्रसारित किया जा रहा था। जिसमें तेंदुए ने अचानक से वकीलों पर हमला कर दिया वकीलों के हाथ में डंडे और फावड़ा भी नजर आ रहा था।
तेंदुए के खौफ का दिखा असर, आसपास घरों में कैद नजर आए लोग
तेंदुए का नाम सुनते ही लोगों को सर्दी के मौसम में भी गर्मी वाला एहसास हो गया और जगह-जगह तेंदुए की दहशत साफ नजर आ रही थी। कोर्ट परिसर में तेंदुए की खबर जैसे ही फैली तो राज नगर, आरडीसी, कवि नगर, राजनगर एक्सटेंशन, चिरंजीव विहार और गोविंदपुरम में लोगों ने घर से बाहर निकलने से तौबा कर ली। छोटे बच्चों को उनके माता-पिता और घर के बड़ों ने घरों में कैद रखा। इस दौरान सड़कों पर कई जगह सन्नाटा भी नजर आया, तो वहीं जिन जगहों पर शाम के वक्त अधिक चहल-पहल नजर आती थी वहां भी लोग कम देखे गए और घरों में कैद नजर आए।
पहले भी तेंदुए का राजनगर में रहा है खौफ
बुधवार को तेंदुए के खौफ का सीन कोई पहली बार नहीं था। इससे पहले भी राजनगर इलाके में दो बार तेंदुए के टेरर को देखा जा चुका है। गनीमत यह थी कि उसने किसी को जख्मी नहीं किया था। करीब 2 साल पहले जीडीए वीसी के राज नगर स्थित आवास में तेंदुए को देखा गया था। वहां पर उसने पहले माली व गार्ड पर हमला किया था।
फिर उसने राज नगर की राज कुंज सोसाइटी में पैर के निशान छोड़े थे। तो वहीं वह कई दिनों तक इंग्राहम स्कूल के पीछे जंगलों में भी नजर आया था। इसके बाद उसे करीब एक साल बाद एएलटी सेंटर के सामने वाली सर्विस रोड पर भी देखा गया था। जहां उसकी फोटो सीसीटीवी में भी आई थी फुटेज वायरल हुई थी। इसके साथ ही मुरादनगर और मसूरी में भी तेंदुए के हमले और जंगलों में नजारे सामने आते रहे हैं।
बीते दिनों भोजपुर थाना अंतर्गत सड़क पार करते वक्त ईस्टर्न पेरीफेरल-वे पर एक तेंदुए की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। बता दें कि पिछले तीन सालों में लगभग गाजियाबाद जिले में 7 स्थानों पर तेंदुए को देखा गया है और उसके होने के वीडियो और फोटो सामने आए हैं।
तीन मिनट में 40 से ज्यादा किए गए तेंदुए के लिए फोन कॉल
करीब चार बजे के आसपास कोर्ट परिसर में तेंदुआ देखा गया। इसके बाद उसने एक पुलिस वाले पर हमला किया और कुछ ही देर में ताबड़तोड़ 8 से 10 लोगों पर तेंदुए का अटैक हो गया। तेंदुए के अटैक की सूचना को डायल- 112 पर सूचना दी गई, तो वहीं वन विभाग के अधिकारियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के पास भी तेंदुए के विषय में फोन कॉल किए गए। वहीं वन विभाग के प्रभारी अशोक कुमार ने बताया है कि जैसे ही उनको चार बजे के आसपास सूचना मिली थी, तो मेरठ वन विभाग की टीम को सूचित कर दिया गया था, जो करीब 5:15 बजे के बाद कोर्ट परिसर पहुंच गई थी और अपना रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया था। पूरा आॅपरेशन रात करीब नौ बजे के बाद पूरा हो सका है।
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