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बाज़ार

सुधार, दर कटौती, मानसून तय करेंगे बाजार की दिशा

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मुंबई| आर्थिक सुधार की दिशा में सरकार के कदम, भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों में कटौती, युआन और रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने के कारण आने वाले सप्ताह में बाजार में मजबूती की संभावना है। यह राय विशेषज्ञों ने जाहिर की है। (indian market hindi news) अगले सप्ताह निवेशकों की नजर मानसून की स्थिति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों और वैश्विक बाजारों के रुझानों और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।

अगले हफ्ते बाजार की चाल मानसून की स्थिति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 13 अगस्त को जारी बयान में कहा कि वर्तमान मानसून सत्र में 13 अगस्त तक मानसूनी बारिश देशभर में दीर्घावधिक औसत से नौ फीसदी कम रही है।

जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने कहा, “निवेशक मान रहे हैं कि संसद के मानसून सत्र में सरकार ने महत्वपूर्ण आर्थिक विधेयकों को पारित कराने की गंभीरता पूर्वक कोशिश की है। बाजार का यह भी मानना है कि सरकार समय सीमा के मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू कर देगी।”

गत सप्ताह जारी प्रमुख आंकड़ों से बाजार की उम्मीद बढ़ी है कि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है।

गत सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता महंगाई दर जुलाई में 3.78 फीसदी रही और थोक महंगाई दर नकारात्मक 4.05 फीसदी रही। औद्योगिक विकास दर भी जून में बढ़कर 3.8 फीसदी रही।

आरबीआई ने जनवरी 2016 तक उपभोक्ता महंगाई दर का लक्ष्य छह फीसदी रखा है।

जियोजीत बीएनपी पारिबा के तकनीकी रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने कहा, “बेहतर विकास और महंगाई दर से उम्मीद पैदा हुई है कि नीतिगत दरों में कटौती होगी।”

बैंकों में पूंजी निवेश और बैंक्स बोर्ड ब्यूरो की स्थापना से संबंधित सरकार की घोषणा के कारण बैंकों के शेयरों में तेजी रह सकती है।

कोटक सिक्युरिटीज के प्राइवेट क्लाइएंट ग्रुप रिसर्च के प्रमुख दीपेन शाह ने कहा, “सरकारी बैंकों के बारे में वित्त मंत्रालय की घोषणा का बैंकों के काम-काज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

सरकार ने 14 अगस्त को कहा कि वर्तमान तथा अगले कारोबारी वर्ष में बैंकों में 25 हजार करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा। इसके बाद 2017-18 और 2018-19 में इन बैंकों में 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे।

अभी निवेश किए जाने वाले 25 हजार करोड़ रुपये तीन किस्तों में दिए जाएंगे।

युआन और रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का भी बाजार पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।

गत सप्ताह चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन से एशिया के दूसरे देशों में भी अवमूल्यन का भय पैदा हो गया था।

11 अगस्त के बाद से युआन में 4.6 फीसदी गिरावट दर्ज की जा चुकी है, जो 1994 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।

युआन के अवमूल्यन का प्रतिकूल असर रुपये पर भी पड़ा और 13 अगस्त को रुपया डॉलर के मुकाबले गत 24 महीने के निचले स्तर 65.23 पर आ गया था।

14 अगस्त को हालांकि युआन में 0.5 फीसदी मजबूती आने से निवेशकों को राहत मिली। इससे रुपया भी संभल कर प्रति डॉलर 64.99 पर आ गया।

जापान सोमवार 17 अगस्त को दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी करेगा।

बुधवार 19 अगस्त को अमेरिका का फेडरल रिजर्व 28-29 जुलाई को फेडरल ओपेन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की हुई बैठक का ब्यौरा जारी करेगा। निवेशकों को इस ब्योरे से फेड द्वारा ब्याज दर में की जाने वाली वृद्धि के समय का अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।

गुरुवार 20 अगस्त ग्रीस के लिए एक महत्वपूर्ण समय सीमा है। इस तिथि तक उसे यूरोपीय केंद्रीय बैंक को 3.2 अरब यूरो (3.6 अरब डॉलर) का भुगतान करना है। ग्रीस ने गत सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं से तीसरे बेलआउट के लिए समझौता किया है। इस समझौते के मसौदे को ग्रीस की संसद ने मंजूरी दे दी है।

बाज़ार

इस साल 20 फीसदी महंगा होगा वाहनों का बीमा!

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  • नए-पुराने करोड़ों वाहन मालिकों पर पड़ेगा सीधा असर

नई दिल्‍ली। पेट्रोल और डीजल के बाद देश के करोड़ों वाहन मालिकों को महंगाई की एक और डोज़ मिल सकती है। बीमा कंपनियों ने इस साल इंश्‍योरेंस प्रीमियम बढ़ाने की योजना बना ली है। कंपनियां का इरादा थर्ड पार्टी मोटर इंश्‍योरेंस को 15 से 20 फीसदी तक बढ़ाने का है। बीमा विनियामक व विकास प्राधिकरण को बीमा कंपनियों की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में कोरोना के कारण कंपनियों को हो रहे नुक़सान को देखते हुए थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस में 15 से 20 फीसदी बढ़ोतरी करने की मंजूरी देने की मांग की गई है। अगर कंपनियों की मांग मंजूर हुई तो इसका सीधा असर देश के करोड़ों वाहन मालिकों पर पड़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक: भारत में करीब 25 जनरल इंश्‍योरेंस कंपनियां हैं। कंपनियों को उम्‍मीद है कि उनके प्रस्ताव को इरडा हरी झंडा दे देगा। कंपनियों का मानना है कि कोरोना के कारण उनको बहुत नुकसान हो रहा है। इसी को देखते हुए थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस का मौजूदा प्रीमियम ठीक नहीं है और उन्‍हें घाटा हो रहा है। कुछ कंपनियां की स्थिति ऐसी हो गई है कि उनकी करदान क्षमता उनकी प्रिस्‍क्राइब्‍ड लिमिट से भी नीचे चली गई है। थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे भी कंपनियों पर दबाव बढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट के 2018 के एक निर्णय के बाद नये दोपहिया वाहनों को खरीदते वक्‍त ही पांच साल का थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस और चारपहिया वाहनों के लिए तीन साल का थर्ड पार्टी बीमा लेना अनिवार्य है। मोटर व्हीकल एक्‍ट के अनुसार जो भी वाहन सड़क पर चलता है, उसका थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस होना आवश्‍यक है। इंश्‍योरेंस प्रीमियम इरडा निर्धारित करता है। प्रीमियम में हर साल बदलाव होता है। पिछले दो साल से कोरोना के कारण इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

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देश

शेयर बाजार में उछाल, सेंसेक्स 61 हजार के पार

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नई दिल्ली। शेयर बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे दिन रौनक देखने को मिल रही हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 30 अंकों के सूचकांक सेंसेक्स और व्यापक 50 अंकों वाले निफ्टी ने बुधवार को शुरूआती कारोबार में तेजी के साथ बढ़त हासिल की। सुबह 10.13 बजे सेंसेक्स अपने पिछले बंद 60,616 अंक से 0.6 फीसदी ऊपर 60,972 अंक पर कारोबार कर रहा था। यह 61,014 अंक पर खुला।

इसी तरह निफ्टी 18,156 अंक के पिछले बंद के स्तर से 0.6 प्रतिशत ऊपर 18,156 अंक पर कारोबार कर रहा था। यह 18,170 अंक पर खुला।
शुरूआती कारोबार के दौरान फायदे में हिंडाल्को, कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर रहे हैं।
एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, टाइटन, टीसीएस, सिप्ला, टेक महिंद्रा, विप्रो घाटे वाले शेयर रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, वी.के. विजयकुमार ने कहा, अल्पकालिक गति दर्शाती है कि बाजार पूरी तरह से बुल के नियंत्रण में है। आज तीन बड़ी आईटी कंपनियों से अपेक्षित अच्छे परिणाम बाजार को मिलने की संभावना है।

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देश

तेल बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच पेट्रोल, डीजल की कीमतों में फिर उछाल

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नई दिल्ली । वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच बेंचमार्क क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाने के साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को एक बार फिर तेजी आई। देश के सबसे बड़े ईंधन रिटेलर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में डीजल की कीमतें 30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि के साथ 91.07 रुपये प्रति लीटर हो गईं, जबकि पेट्रोल की कीमतें 25 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 102.64 रुपये प्रति लीटर हो गई।

डीजल की कीमतें अब पिछले 12 दिनों में से 9 बार बढ़ाई गई गई हैं, जिससे दिल्ली में इसकी खुदरा कीमत 2.45 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई है। डीजल की कीमतों में शुक्रवार को 20 पैसे प्रति लीटर और फिर पिछले सप्ताह रविवार, सोमवार और मंगलवार को 25 पैसे प्रति लीटर और गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को 30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई और मंगलवार को फिर 30 पैसे प्रति लीटर की दर से बढ़ी।
पेट्रोल की कीमतों में 5 सितंबर से स्थिरता बनी हुई थी, लेकिन तेल कंपनियों ने इस सप्ताह अपने पंप की कीमतों में बढ़ोतरी की, क्योंकि हाल ही में उत्पाद की कीमतों में तेजी आई है। पेट्रोल की कीमतों में भी पिछले आठ दिनों में से छह दिन बढ़ाई गई है, जिससे इसकी कीमत में 1.45 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 25 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 108.67 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल की कीमत 98.80 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई। देशभर में भी, पेट्रोल और डीजल में 20-30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई, लेकिन स्थानीय करों के स्तर के आधार पर उनकी खुदरा दरें भिन्न रहीं।

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