नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि इंडियन फाइनेंशियल कोड (आईएफसी) के मसौदे पर हितधारकों से राय मिलने पर फैसला किया जाएगा। (bjp hindi news) आईएफसी में मौद्रिक नीति समिति में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के वीटो अधिकार समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें यह भी प्रस्ताव रखा गया है कि समिति में सरकार के चार प्रतिनिधि होंगे और रिजर्व बैंक के तीन प्रतिनिधि होंगे, जिसमें गवर्नर भी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, “वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग ने अपनी सिफारिशें पेश कर दी हैं, जिसे आम लोगों की प्रतिक्रिया के लिए सार्वजनिक कर दिया गया है। प्रतिक्रिया मिलने के बाद ही सरकार कोई फैसला लेगी।”
मसौदे के प्रस्ताव के मुताबिक रिजर्व बैंक एक मौद्रिक नीति समिति गठित करेगा, जो बहुमत के आधार पर महंगाई का लक्ष्य हासिल करने के लिए नीतिगत दर तय करेगी।
अभी की प्रथा के मुताबिक, गवर्नर दर तय करने के लिए तकनीकी परामर्श समिति की सलाह लेते हैं, लेकिन इस सलाह को मानने के लिए वह बाध्य नहीं हैं।
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