मेयर ने कहा इसलिए बनती है फिर से मेरी दावेदारी

Dec 10, 2022 - 09:51
Dec 10, 2022 - 15:21
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मेयर ने कहा इसलिए बनती है फिर से मेरी दावेदारी

कराया है विकास और जनरल सीट पर महिला खेल सकती है पारी
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। मेयर दावेदारी के लिए सबसे ज्यादा बूम भाजपा में आया हुआ है। यहां पर सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुई है और दावेदारी की स्टोरी में नया टविस्ट आ गया है। यहां पर मौजूदा मेयर आशा शर्मा भी फिर से टिकट रिपीट चाहती हैं। सीट को लेकर उन्होंने करंट क्राइम से बात की। मेयर आशा शर्मा ने कहा कि सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुई है और महिला भी इस सीट पर आवेदन कर सकती है।
उन्होंने कहा कि मेरे मेयर कार्यकाल में चार ऐसी सीट रही हैं जो सामान्य वर्ग के लिए थीं और यहां महिलाओं को टिकट मिला और वो जीती भी। साक्षी नारंग और चम्पा माहौर इसके उदाहरण हैं। मेयर आशा शर्मा ने कहा कि जो नियम पार्षद के लिए है वो ही नियम मेयर के लिए भी होना चाहिए। जब सामान्य सीट पर ओबीसी उम्मीदवार हो सकता है तो सामान्य सीट पर महिला क्यों नही चुनाव लड़ सकती।

विकास का पूछना है तो महानगर की जनता बतायेगी क्या किया है
जनता आपको फिर से क्यों चुने ऐसा क्या विकास किया है इस सवाल पर मेयर आशा शर्मा ने कहा कि डेढ़ साल कोरोना में गये और साढे तीन साल में हमने चहुंमुखी विकास किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार बना, गारबेज फैक्ट्री लगाई, स्वच्छता में अव्वल आये। सड़के, पथ प्रकाश, नाले की सफाई कराई है। विकास क्या किया है ये महानगर की जनता से पूछिये।

आज दे देंगे हम भी महानगर अध्यक्ष को दावेदारी का बॉयोडाटा
करंट क्राइम ने मेयर आशा शर्मा से सवाल किया कि यदि आप दावेदारी कर रही हैं तो फिर आपने अभी तक अपना आवेदन पत्र महानगर अध्यक्ष को क्यों नही सौंपा। यहां मेयर आशा शर्मा ने कहा कि बॉयोडाटा दे देंगे। शुक्रवार को दिल्ली जाना था और आज हम भी अपना बॉयोडाटा महानगर अध्यक्ष को देंगे। यहां सवाल हुआ कि आपके भाई अनिल स्वामी ने भी मेयर पद के लिए मेयर पद के लिए दावेदारी की है तो आशा शर्मा ने कहा कि भाई ने भी बॉयोडाटा दिया है और हम भी बॉयोडाटा देंगे।

अवस्थापना निधि के पैसे नहीं मिले फिर भी कराया भुगतान
अवस्थापना निधि में गाजियाबाद क्या पूरे 16 नगर निगम को पैसे नही मिले। शासन के पास पैसे की कमी थी और किसी तरह गुजारा चला। जो लोग विकास कार्यों के भुगतान की बात करते हैं उन्हें पता हो कि 100 प्रतिशत भुगतान तो नही हुआ लेकिन 40 से 50 प्रतिशत भुगतान किया है। 14 वें वित्त आयोग का पैसा किश्तों में मिला है। लेकिन फिर भी हमने टैक्स का बोझ जनता पर नहीं डाला और ना ही अन्य कोई कर लगाया।

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