नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को विधानसभा के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए पटना आए हुए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल के दौरान बिहार ने दिखाया कि लोकतंत्र को दबाया नहीं जा सकता है। इस दौरान उनके साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल फागू चौहान भी मौजूद थे।
इस दौरान पीएम ने कहा कि विश्व में लोकतंत्र की जननी हमारा भारत है, और बिहार की गौरवशाली विरासत पाली में मौजूद ऐतिहासिक दस्तावेज इसके जीवंत प्रमाण हैं। बिहार के इस वैभव को कोई नहीं मिटा सकता है और न ही कोई छिपा सकता है।
पीएम मोदी ने सीएम नीतिश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि इसी विधानसभा में पंचायती राज में महिलाओं को 50 आरक्षण दिया गया। यह सीएम नीतीश कुमार का फैसला था। पीएम ने शताब्दी समारोह को लेकर कहा कि यह कार्यक्रम तब हो रहा जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। जहां बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरे हुए वहीं आजादी के 75 साल पूरे हो गये हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से हमें ये बताने की कोशिश होती रही है कि भारत का लोकतंत्र विदेशी हुकूमत और विदेशी सोच के कारण मिला है। कोई भी व्यक्ति जब ये कहता है तो वो बिहार के इतिहास और बिहार की विरासत पर पर्दा डालने की कोशिश करता है। पीएम ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है जितना प्राचीन ये देश है, जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है। हमें बार-बार सुनाया गया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
बिहार ने दिया देश को पहला राष्ट्रपति
पीएम ने कहा कि जब दुनिया के अन्य क्षेत्रों में जनतांत्रिक अधिकारों की समझ विकसित होनी शुरू हुई थी तब लिच्छवी और वज्जीसंघ जैसे गणराज्य अपने शिखर पर थे। बिहार ने आजाद भारत को डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के रूप में पहला राष्ट्रपति दिया। लोकनायक जयप्रकाश, कपूर्री ठाकुर और बाबू जगजीवन राम जैसे नेतृत्व इस धरती पर हुए। जब देश में संविधान को कुचलने का प्रयास हुआ तो भी उसके खिलाफ बिहार ने सबसे आगे आकर विरोध का बिगुल फूंका।
बिहार विधानसभा ने लिए हैं बड़े और ऐतिहासिक निर्णय
बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं। भारत लोकतंत्र को समता और समानता का माध्यम मानता है। भारत सह अस्तित्व और सौहार्द के विचार में भरोसा करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सत् में भरोसा करते हैं, सहकार में भरोसा करते हैं, सामंजस्य में भरोसा करते हैं और समाज की संगठित शक्ति में भरोसा करते हैं। जब दुनिया के बड़े भूभाग सभ्यता और संस्कृति की ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे थे तब वैशाली में परिष्कृत लोकतंत्र का संचालन हो रहा था।
बिहार विधानसभा में की गई थी चरखा अपनाने की अपील – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी। पीएम ने कहा कि देश के सांसद के रूप में, राज्य के रूप में हमारी ये भी जिÞम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र के सामने आ रही हर चुनौती को मिलकर हराएं। पक्ष विपक्ष के भेद से ऊपर उठकर, देश के लिए, देशहित के लिए हमारी आवाज एकजुट होनी चाहिए।
पीएम ने कहा कि दुनिया के लिए 21वीं सदी भारत की सदी है और यह सदी भारत के लिए कर्तव्यों की सदी है। हमें इसी सदी में अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुंचना है। इन लक्ष्यों तक हमें हमारे कर्तव्य ही लेकर जाएंगे। इसलिए ये 25 साल देश के लिए कर्तव्य पथ पर चलने के साल हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समापन समारोह में बुलाने पर सीएम और स्पीकर महोदय को धन्यवाद देता हूं।
बिहार विधानसभा में आने का मिला है सौभाग्य
बिहार की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि बिहार का ये स्वभाव है कि जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे वो प्यार कई गुना करके लौटाता है। आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य मिला है। मैं इस स्नेह के लिए बिहार के जन-जन को हृदय से नमन करता हूं। आजादी के बाद इसी विधानसभा में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पास हुआ। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए नीतीश जी की सरकार ने बिहार पंचायती राज जैसे अधिनियम को पास किया।
Discussion about this post