वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद।
अधिकारी हमेशा से अपनी एक जिम्मेदारी के साथ सभी दायित्वों को पूरा करते हैं। हर अधिकारी की अपनी एक कार्यशैली होती है और हर अधिकारी अपनी वर्किंग से, अपने विजन से एक अलग छाप छोड़ता है। वैसे तो सियासत की पहली शर्त है कि नाम जरूर होना चाहिए। विकास के पत्थरों पर नाम होना चाहिए। कार्यक्रम के बैनर और होर्डिंग पर फोटो होना चाहिए। फोटो के बड़े और छोटे साइज को लेकर भी कई बार मामला अटक जाता है। लेकिन सियासत के इतर जो प्रशासन के अधिकारी होते हैं वो कई बार अपने काम से अपनी छाप छोड़ते हैं। उनका काम बोलता है और वो इश्तहार, बैनर, होर्डिंग जैसे प्रचार से दूर रहते हैं। कई बार ऐसा मामला होता है कि विभागीय प्रोटोकॉल में अधिकारी का नाम और फोटो आता है। जीडीए के विकास का पत्थर होगा तो नियंता कोई भी हो लेकिन अभियंता का नाम जरूर आयेगा। स्वास्थ्य विभाग की गोष्ठी हो रही है तो बैनर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का नाम आयेगा। प्रशासन की बात है तो जिलाधिकारी का नाम आयेगा। लेकिन जिले में एक आईएएस युवा अधिकारी ऐसे भी हैं जो फोटो से दूरी बनाते हैं और काम को पूरी शिद्दत के साथ कर जाते हैं। इन अधिकारी का नाम विक्रमादित्य सिंह मलिक हैं। सीडीओ पद से नगर आयुक्त के पद पर हाल में ही चार्ज लिया है। बताते हैं कि चार्ज लेने के बाद से ही उन्होंने निगम में सुधार का बीड़ा उठा लिया है। लगातार फील्ड में जा रहे हैं और दफ्तर में बैठक भी कर रहे हैं। पार्षदों के साथ भी मुलाकात कर चुके हैं और भरोसा दिला चुके हैं कि अल्प समय में वह कई व्यवस्थाओं को सुधार देंगे। सबसे बड़ी बात ये है कि आईएएस विक्रमादित्य सिंह मलिक सबसे अलग हटकर काम कर रहे हैं और उनकी वर्किंग की तारीफ खुद मेयर सुनीता दयाल ने की है। असली तारीफ वही मानी जाती है जो आपकी पीठ के पीछे हो और आपके गुणों को बताया जाये। मेयर सुनीता दयाल ने बताया कि नगर आयुक्त के रूप में चार्ज संभालने के बाद उनकी नगर आयुक्त से अभी एक बार मुलाकात हुई है। लेकिन नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक पूरी तरह से कनेक्टिविटी में रहते हैं। मेयर सुनीता दयाल ने बताया कि एक ऐसे अधिकारी जो खामोशी के साथ अपनी जिम्मेदारी को पूरी कर्मठता के साथ निभा रहे हैं और फोटो से भी दूरी बना रहे हैं। मेयर ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर नगर निगम की ओर से महानगर के निगम क्षेत्र में होर्डिंग लगाये जाने हैं। नगर आयुक्त नगर निगम के स्थानीय प्रमुख अफसर होते हैं। मैंने उनसे बात की और उन्हें निगम क्षेत्र में लगने वाले होर्डिंग की जानकारी देते हुए कहा कि यदि वह अपना फोटो भेज देंगे तो यह होर्डिंग में लगेगा। उनसे कहा भी कि वह अपना फोटो होर्डिंग में लगवा लें। लेकिन वर्किंग विजन और फैसले लेने वाली कार्यशैली के मुताबिक काम कर रहे नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने अपना फोटो लगवाने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैडम हम अधिकारी हैं और हमारी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ काम कराने की है। हमारा फोटो से कम से कम कनैक्शन होना चाहिए। आप जनप्रतिनिधि हैं और ऐसे मौके पर निगम की और से लगने वाले होर्डिंग में आपका फोटो होना चाहिए। मेयर ने यह बात करंट क्राइम से साझा करते हुए कहा कि उन्हें नगर आयुक्त का यह अंदाज काफी पसंद आया। उन्होंने फोटो से भी इंकार किया और बेहद विनम्र लहजे में अपनी बात को समझाया। अच्छा लगा कि ऐसे भी अधिकारी हमारे जिले में है।
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