अधिकारियों की अदूर दर्शिता के कारण गाजियाबाद की प्रापर्टी फांक रही धूल
एक बार फिर बढ़े गाजियाबाद की प्रापर्टी के सर्किल रेट
बाजार में पसरा है सन्नाटा, और अधिकारी बढ़ा रहे हैं निरंतर सर्किल रेट
तहसील कम्पाउंड संघ आने वाले दिनों में करेगा नये सर्किल रेट के खिलाफ प्रदर्शन
गाजियाबाद। जिले में प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त एक बार फिर से महंगी हो गई है। (ghaziabad hindi news) रजिस्ट्री कराने के लिए पहले ही लोगों को मोटी रकम अदा करनी पड़ रही थी, वहीं अब एक बार फिर से सर्किल मूल्यों में भारी भरकम इजाफा कर दिया गया है। निरंतर बढ़ रहे सर्किल मूल्यों के चलते आलम यह हो चला है कि गाजियाबाद की प्रापर्टी धूल फांकने को मजबूर हो चली है।
जानकारों का कहना है कि अधिकारियों की अदूरदर्शिता के कारण गाजियाबाद की प्रापर्टी शीर्ष स्तर से लेकर एकदम नीचले स्तर पर आ गई है, जिसका प्रमुख कारण सर्किल रेट में बार बार इजाफा किया जाना है। नये सर्किल मूल्य बढ़ने से लोगों को अब रजिस्ट्री कराने के दौरान मोटी रकम बतौर स्टांप ड्यूटी में चुकानी होगी।
डीएम ने मंजूरी मिलने के बाद नए सर्किल रेट लागू कर दिए गए हैं। इसके साथ ही आवासीय श्रेणी में कौशांबी और व्यवसायिक श्रेणी में आरडीसी शहर के सबसे महंगे इलाके बन गए हैं। कौशांबी में अधिकतम सर्किल रेट 79200 और आरडीसी में 1.70 लाख रुपये अधिकतम सर्किल रेट निर्धारित किया गया है। कालोनी के अंदर और मेन रोड की प्रापर्टी के लिए भी अलग-अलग सर्किल रेट तय किये गए हैं। दिल्ली मेरठ रोड के किनारे 19 गांव के सर्किल रेट में 20 फीसदी तक कि वृद्धि की गई है। सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर पिछले दिनों प्रशासन की ओर से आपत्तियां भी मांगी गई थी, लेकिन मिली आपत्तियों के बाद भी नये सर्किल मूल्यों की सूची को प्रशासनिक अधिकारियों ने जारी कर दिया है।
नोएडा में पांच, गाजियाबाद में है 7 फीसदी स्टॉम्प डयूटी
जनपद गाजियाबाद से सटे नोएडा या फिर समूचे उत्तर प्रदेश में स्टॉम्प डयूटी आम लोगों से पांच फीसदी ली जाती है, लेकिन जनपद गाजियाबाद में रजिस्ट्री कराने के दौरान सात फीसदी स्टॉम्प डयूटी आम लोगों से वसूली जा रही है। जनपद गाजियाबाद में पांच फीसदी स्टॉम्प शुल्क के रूप में वसूले जाते हैं वहीं दो फीसदी मूल्य डवलपमेंट चार्ज के रूप में वसूला जाता है। जो दो फीसदी डवलपमेंट चार्ज के रूप में वसूला जाता है उस फंड का उक्त जमीन के आसपास ही खर्च किया जाना होता है, लेकिन डवलपमेंट चार्ज को गाजियाबाद में खर्च ही नहीं किया जाता, जो नियमों के विपरित है।
पार्क -कॉर्नर भूखंड पर अतिरिक्त स्टांप
पार्क फेस और कॉर्नर के भूखंड पर साढे सात-सात प्रतिशत अलग से स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी। यदि कोई संपत्ति कॉर्नर की है और वह पार्क फेसिंग भी है तो ऐसे में 15 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप देना होगा। शहरवासियों को अब नये सर्किल रेट के आधार पर रजिस्ट्रियां करानी होंगी, प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि जो सर्किल रेट बढ़ाये गये हैं उनसे होने वाली रजिस्ट्रियों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
तहसील कम्पाउंड संघ ने जताई आपत्ति
तहसील कम्पाउंड संघ के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा का कहना है कि जिले के प्रशासनिक अधिकारी धरातल पर रहकर सर्किल मूल्यों को नहंी बढ़ा रहे हैं। मन के मुताबिक सर्किल मूल्यों के बढ़ाया जा रहा है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ज्यादा सर्किल मूल्य होने के कारण गाजियाबाद में रजिस्ट्री कराने का सिलसिला थम सा गया है, क्योंकि हकीकत में जमीन के मूल्य कम हैं और सर्किल मूल्य ज्यादा हैं। जमीन के मूल्यों से अधिक सर्किल मूल्य हो गये हैं जिसका आने वाले दिनों में पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा।
आवासीय क्षेत्र पुराने व नये सर्किल रेट
स्थान पहले अब
आरडीसी 150000 170000
कौशांबी 77000 79200
इंदिरापुरम 71500 72600
वैशाली 71500 73200
वसुंधरा 60500 61600
रामप्रस्था 71500 73700
सूर्यनगर 71500 73700
चंद्रनगर 71500 73700
कविनगर 48000 50000
राजनगर 60000 60000
नेहरू नगर 46000 50000
लोहिया नगर 42000 42000
गोविंदपुरम 38000 38000
नूर नगर 19000 19000
राजनगर एक्स. 28000 30000
राजेंद्र नगर 42000 44000
लाजपत नगर 31000 33000
शालीमार गार्डन 38000 40000
पटेल नगर 40000 45000
विजयनगर 30000 30500
प्रताप विहार 30000 30500
शास्त्रीनगर 44000 45000
स्वर्ण जयंतीपुरम 30000 33000
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