एसएसपी धर्मेंद्र सिंह के कार्यकाल में दो बार हो चुकी हैं बड़ी कार्रवाईयां
गाजियाबाद। अपराध और अपराधियों के खात्मे के लिए पुलिस विभाग में क्राइम ब्रांच का गठन किया जाता है। (ghaziabad hindi news) बताया जाता है कि जनपद स्तर पर गठित होने वाली क्राइम ब्रांच जनपद पुलिस मुखिया यानी पुलिस कप्तान की सबसे भरोसेमंद होती है, और जनपद का पुलिस मुखिया यानी एसएसपी घटित होने वाली बड़ी घटनाओं का खुलासा क्राइम ब्रांच के जबाजों के कंधो के सहारे ही करता है।
जनपद गाजियाबाद को अपराधमुक्त करने की दिशा में पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह तो निरंतर भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके प्रयासों को बदमाशों से ज्यादा खुद उनके ही महकमें के पुलिसकर्मी विफल करने में जुटे हुए हैं। जनपद गाजियाबाद एसएसपी के रूप में धर्मेंद्र सिंह ने जब से चार्ज संभाला है तब से लेकर वह क्राइम ब्रांच के खिलाफ दो बार बड़ी कार्रवाईयां कर चुके हैं।
कार्रवाईयों के पीछे सबसे बड़ा कारण बताया गया कि क्राइम ब्रांच में कुछ कर्मी उगाही अर्थात रंगदारी मांग रहे थे, जिसके चलते बड़ी कार्रवाईयां की गई। अब एक बार फिर से क्राइम ब्रांच की साख को बट्टा लगा है, बट्टा लगाने वाले खुद क्राइम ब्रांच में तैनात थे, और उन्होंने गौतमबुद्धनगर के एक व्यवासी से रंगदारी मांगने का काम किया। फिलहाल पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह ने क्राइम ब्रांच में तैनात तीनों सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया है, इसके अलावा जनपद गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच में तैनात 30 पुलिसकर्मियों को लाइन में हाजिर होने का फरमान जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच में तैनात सिपाही राजीव ने अपने साथी नीरज राठी, राजेंद्र राठी के साथ मिलकर गौतमबुद्धनगर के एक व्यापारी से लाखों रुपये की रंगदारी मांगी थी। जब मामले की शिकायत पीड़ित व्यापारी द्वारा की गई तो गौतमबुद्धनगर पुलिस महकमा हिल गया और उक्त की सूचना तत्काल जनपद गाजियाबाद पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह यादव को भी दी गई।
पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह ने उक्त में कार्यवाही करते हुए क्राइम ब्रांच में तैनात 30 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और सिपाही राजीव दो साथियों नीरज राठी और राजेंद्र राठी को को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले भी पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह जनपद गाजियाबाद की पूरी क्राइम ब्रांच टीम को लाइन हाजिर कर चुके हैं, जब क्राइम ब्रांच का नेतृत्व राजेश द्विवेदी किया करते थे, उन्हें पदमुक्त कर पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह ने क्राइम ब्रांच की कमान श्री शर्मा को सौंपी थी, जिसके बाद अब दूसरा मौका है जब कप्तान धर्मेंद्र सिंह यादव ने क्राइम ब्रांच को लाइन हाजिर कर दिया है।
क्या है मामला
क्राइम ब्रांच में तैनात सिपाहियों ने हरौला निवासी रूपेश कुमार से लाखों रुपये की रंगदारी मांगी थी। रुपेश कुमार का सेक्टर-8 में राजपूत एंड रॉय फाइनेंशियल सर्विसेज नाम से वित्तीय सेवाएं प्रदान कराने का दफ्तर है। 27 अगस्त को चार लोग वहां आए। उन्होंने रूपेश पर इंश्योरेंस क्लेम के नाम पर लोगों से ठगी करने का आरोप लगाया। साथ ही, खुद को एसटीएफ से होने की जानकारी दी। इससे रूपेश घबरा गए। उन्होंने 2.75 लाख रुपये और दो लैपटॉप दे दिए। 28 अगस्त को उनके पास फिर फोन आया। एसटीएफ से होने की जानकारी देकर 10 लाख रुपये की मांग की गई। रूपेश ने यह बात नोएडा पुलिस को बताई। कोतवाली सेक्टर-20 और क्राइम ब्रांच को जांच में लगाया गया। फोन करने वाले सोमवार को पैसा लेने आने वाले थे, लेकिन वह नहीं आए। मंगलवार को पांच लोग सेक्टर-8 पहुंचे जिनमें से दो को कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने पकड़ लिया। इनकी पहचान नोएडा पुलिस के एचसीपी विकास और गाजियाबाद क्राइम ब्रांच के सिपाही राजीव मलिक के रूप में हुई। वहीं, गाजियाबाद क्राइम ब्रांच के सिपाही नीरज राठी व राजेंद्र राठी और अन्य व्यक्ति विनीत मौके से फरार हो गए।
पुलिस पर साल दर साल लगते रहे हैं दाग
वर्ष सस्पेंड पुलिसकर्मियों की संख्या
2009 280
2010 171
2011 192
2012 113
2013 102
2014 92
2015 62 (वर्तमान तक)
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