गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद पुलिस हमेशा से जनता के निशाने पर रहती है और गाहे बगाहे जनता पुलिस कर्मियों पर आरोप प्रत्यारोप भी लगाती रहती है। (ghaziabad latest news) लेकिन अब जनपद गाजियाबाद पुलिस की छवि बदल गई है, हॉल ही में मोदीनगर में जिस तरह से पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह ने क्षेत्राधिकारी व मोदीनगर थाना प्रभारी को हटा दिया था और उसके बाद जनता दोनों अधिकारियों के पक्ष में उतरी और पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह को अपना आदेश तत्काल प्रभाव से बदलना पड़ा और दोनों अधिकारियों को तैनात कर दिया गया।
सवाल उठता है कि जब पुलिस अधिकारी जनता के बीच अच्छी छवि बनायेंगे तभी जनता भी उन्हें सिर मात्थे पर बैठायेगी, और मोदीनगर में जिस तरह से जनता दोनों अधिकारियों के पक्ष में आयीं उसी तरह से अन्य पुलिस कर्मियों के लिए भी जनता सामने आयेगी।
हुआ यूं था कि सीबीआई में तैनात महिला सिपाही के फर्जी आरोपों के सुबूत लेकर एसएसपी धर्मेंद्र सिंह सीबीआई मुख्यालय गए। बकौल कप्तान, सुबूत देखने के बाद सीबीआई अधिकारियों ने महिला सिपाही को अपने यहां से हटाकर उसे वापस हरियाणा कैडर में ट्रांसफर कर दिया। हरियाणा पुलिस से भी महिला सिपाही की शिकायत की है। एसएसपी ने सीओ जगत राम जोशी व एसएचओ दीपक शर्मा को वापस मोदीनगर में तैनात कर दिया गया। मामले की जांच करने एसपी क्राइम राम अभिलाष त्रिपाठी टीम के साथ मोदीनगर पहुंचे।
महिला सिपाही नहीं मिली तो उसके घर के बाहर नोटिस चस्पा किया गया। पुलिस ने महिला के कालोनी वासियों, सीओ, पुलिस कर्मियों व गार्डों समेत 28 लोगों के बयान रिकार्ड किए। अब तक की पूछताछ में महिला के खिलाफ बयान हैं।
एसएसपी ने सीबीआई डायरेक्टर के समक्ष घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज और सीएमडी के गार्ड और स्टाफ के बयान संबंधी साक्ष्य पेश किए। 17 अगस्त को एक महिला ने मोदीनगर सीओ जगतराम जोशी, उनके गनर रूपेश कुमार पर तीन अगस्त की रात सीएमडी परिसर में रेप की कोशिश का आरोप लगाया था।
घटनाक्रम के दौरान जनता क्षेत्राधिकारी व मोदीनगर थाना प्रभारी के पक्ष में उतरी और प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस कप्तान धर्मेंद्र सिंह ने क्षेत्राधिकारी जगत राम जोशी व एसएचओ दीपक शर्मा को दोबारा से तैनाती दे दी। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब जनता पुलिस के समर्थन में उतरी है।
You must be logged in to post a comment Login