जिले की पांचों विधानसभा सीटो पर नये चेहरों पर खेला दाव
गाजियाबाद। सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी है। (samajwadi party news in hindi) चुनाव की तैयारियों को शुरू करने के साथ पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने जहां सूबे की समस्त विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के साक्षात्कार के कार्य को सम्पन्न कर लिया है, वहीं पार्टी ने जनपद गाजियाबाद के विधानसभा अध्यक्षों के नाम भी फाइनल कर दिए हैं और नवनियुक्त अध्यक्षों की एक सूची जनपद गाजियाबाद के संगठन पदाधिकारियों को भी भेज दी है।
नवनियुक्त अध्यक्षों की सूची में सभी सपाई ऐसे हैं जो निर्विवाद है। पिछली बार जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया था, उन्हें इस बार अध्यक्ष पद से दूर रखा गया है।
जनपद गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा सीट पर अध्यक्ष का दायित्व राजेंद्र नगर के रहने वाले अवतार सिंह उर्फ काले सरदार को सौंपा गया है। इसके अलावा गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट अध्यक्ष का दायित्व विजयनगर निवासी महबूब लारी को दिया गया है। मुरादनगर विधानसभा सीट पर अध्यक्ष का दायित्व सुराना के रहने वाले विकास यादव को दिया गया है। मोदीनगर विधानसभा सीट का दायित्व सीकरी खुर्द के रहने वाले महावीर गुर्जर को सौंपा गया है।
लोनी विधानसभा सीट पर अध्यक्ष लोनी के बिरोड़ी गांव के रहने वाले हरीश चौधरी को दिया गया है। मुख्यमंत्री व सपा प्रदेशाध्यक्ष अखिलेश यादव के मनोनयन के बाद जनपद गाजियाबाद की पांचों विधानसभा सीटों पर अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही समस्त जिले व महानगर संगठन पदाधिकारियों को भी इस ओर सूचित कर दिया गया है।
मुरादनगर विधानसभा सीट पर मिली कईयों को मायूसी
मुरादनगर विधानसभा सीट पर अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार थे। दावेदारों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष संजीव चौधरी और नवीन चौधरी प्रमुख थे। संजीव चौधरी को पदमुक्त करने के बाद अध्यक्ष का दायित्व नवीन चौधरी को सौंपा गया था, लेकिन अध्यक्ष बदले जाने के बाद नवीन चौधरी को भी पदमुक्त कर दिया गया था। सपा के मुख्य संगठनों के अध्यक्षों की घोषणा होने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी आगामी दिनों में पूर्व की भॉति नवीन चौधरी को मुरादनगर विधानसभा सीट से अध्यक्ष मनोनीत किया जायेगा, लेकिन मुरादनगर विधानसभा का अध्यक्ष विकास यादव को मनोनीत कर दिया गया, जिस कारण दोनों दावेदारों के अरमान ठंडे बस्ते में चले गये हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सपा निरंतर विधानसभा अध्यक्षों में परिवर्तन कर रही है, जिसका परिणाम उसे विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है, क्योंकि पूर्व के जो विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं, उन्होंने क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ बनाई हुई थी और क्षेत्रवार लोगों को भी पार्टी से जोड़ा हुआ था।
You must be logged in to post a comment Login