गाजियाबाद। गाजियाबाद में यातायात व्यवस्था को प्रभावित करने का सबसे बड़ा कारण यहां टूटी हुई सड़कें हैं। (ghaziabad latest news) इस बात का प्रमाण गोविंदपुरम हापुड़ रोड पर पहुंचकर देखा जा सकता है। गोविंदपुरम पुलिस चौकी से शुरू होकर डासना फ्लाईओवर तक जाने वाली हापुड रोड को रोड कहकर पुकारना फिलहाज जायज नहीं लगता है, क्योंकि इस सड़क पर इतने बड़े बड़े गडढ़े हो गये हैं कि जब कभी बारिश आती है तो वह तालाब का काम करने लगते हैं। इस रोड़ की बदहाली पर क्यों अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही यह अपने आपमें बड़ा सवाल है। आये दिन इस सड़क पर हादसे होते रहते हैं, हापुड़ रोड की तो कहानी कुछ अलग ही बन चुकी है। एक साइड की सड़क जहां पूरी तरह से बन चुकी है, वहीं दूसरी तरफ की सड़क पर पेचवर्क कराने तक की जहमत नहीं उठाई जा रही है। जिस वक्त एक साइड की सड़क का निर्माण किया जा रहा था उस वक्त क्यों अधिकारियों ने दूसरी सड़क की तरफ ध्यान क्यों नहीं दिया। आज स्थिति यह है कि नहीं बनी सड़क पर पूरा ट्रेफिक का लोड पड़ चुका है, इस सड़क पर रोजाना भारी वाहनों के साथ हल्के वाहन दौड़ रहे हैं।
ये सड़क बराबर वाली सड़क से लगभग तीन फुट उंची है और ना ही इस पर कोई रेलिंग लगाई गई है। जिस कारण आये दिन वाहनों के अनियत्रित होने से हादसे होते रहते हैं। विगत में एक ट्रक भी उंची सड़क से पलटकर हादसे का शिकार हो चुका है। ऐसे में इस दूसरी सड़क का कब उत्थार होगा, यह देखना बाकी है।
बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं मेरठ मंडल को-आर्डिनेटर रामप्रसाद प्रधान जो मिशलगढ़ी क्षेत्र के रहने वाले हैं उनका कहना है कि जानबूझकर अधिकारी सड़क की अनदेखी कर रहे हैं। दोनों सड़क के आजू बाजू दलित एरिया है, जिस वजह से सोच समझकर उत्पीड़न की कार्रवाई की जा रही है। श्री प्रधान ने कहा है कि वह सड़क ठीक करने को लेकर कई बार अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं लेकिन उनकी सोच समाजवादी पार्टी से प्रेरित है, जिस वजह से हमारे क्षेत्र को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। भारी वाहनों को बाईपास से निकालना चाहिए। ताकि जनता को परेशानियों से बचाया जा सके।
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